Sawan Shanivar 2024: सावन का पवित्र महीना भगवान शिव (Lord Shiva को समर्पित है. इसलिए इस पूरे महीने भक्तगण भगवान शिव की अराधना में लीन रहते हैं. सावन में सोमवार (Sawan Somvar) के साथ ही अन्य दिनों का भी विशेष महत्व है, जिसमें शनिवार (Saturday) का दिन भी शामिल है. शनिवार का दिन शनि देव का वार है.


लेकिन सावन का वह दिन अति विशेष हो जाता है, जब किसी एक तिथि पर दो व्रतों या शुभ दिनों का संयोग बनता है. ऐसा ही शुभ संयोग सावन महीने के चौथे यानी अंतिम शनिवार पर भी बन रहा है. 


सावन का चौथा शनिवार है शुभ


पंचांग (Panchang) के अनुसार, सावन महीने का चौथा शनिवार 17 अगस्त 2024 को पड़ रहा है. इस दिन शनि त्रयोदशी (Shani Trayodashi 2024) होने के साथ ही शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) भी है. बता दें कि शनिवार के दिन यदि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) पड़े तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं. ये दो महत्वपूर्ण व्रत सावन में एक ही दिन पड़ने के कारण यह तिथि धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.


ऐसे में सावन के चौथे शनिवार के दिन आपको भगवान शिव और शनि देव (Shani Dev) की पूजा जरूर करनी चाहिए. साथ ही जो लोग शनि की साढ़ेसाती (Sadesati), ढैय्या (Shani Dhaiya) और दोषों (Shani Dosh) से परेशान हैं, उन्हें इससे संबंधित उपाय भी जरूर करने चाहिए.


ये राशि वाले शनि के क्रोध से बचने के लिए करें उपाय


बता दें कि शनि फिलहाल कुंभ राशि में वक्री (Shani Vakri 2024) चाल चल रह हैं और 15 नवंबर शाम 07 बजकर 51 मिनट पर वक्री से मार्गी होंगे. ज्योतिषी अनीष व्यास के अनुसार, फिलहाल मकर, कुंभ और  मीन राशि वालों (Zodiac Signs) पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोग शनि ढैय्या से पीड़ित हैं. ऐसे में विशेषकर इन राशि वाले जातकों को सावन के चौथे शनिवार के दिन इन उपायों को जरूर करना चाहिए.


शनि देव के उपाय (Shani Dev Upay)


शनि देव को अर्पित करें ये चीजें: सावन के आखिरी शनिवार पर शनि देव की पूजा करें और उन्हें काले उड़द की दाल, लोहे की कील अर्पित करें. क्योंकि मान्यता है कि काली वस्तुओं में शनि देव का वास होता है. ये चीजें शनि देव को अर्पित कर सरसों तेल का दीपक जलाएं, इससे आपकी राशि में चल रहे साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होगा.


शनि बीज मंत्र का जाप: शनि दोष से मुक्ति या प्रभाव को कम करने के लिए सावन शनिवार के दिन शनि बीज मंत्र (Shani Beej Mantra) “ॐ शं शनिश्चराय नमः” की कम से कम 30 माला जाप करें.


पीपल वृक्ष की पूजा: शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करें जड़ में जल चढ़ाएं. वहीं संध्याकाल में पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दीप जलाएं. इससे शनि देव शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं.


इन चीजो का करें दान: गरीब, मजदूर और असहायों की मदद करने से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं. इसलिए सावन के अंतिम शनिवार पर आप शनि देव से संबंधति चीजों जैसे, सरसों तेल, उड़द दाल, काले वस्त्र, काला छाता, चप्पल, लोहे की वस्तुओं आदि का दान (Daan) अपन सामर्थ्यनुसार जरूर करें.


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