(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shani Dev : शनि देव के प्रकोप से बचना है तो भूलकर भी न करें ये काम, मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि वाले रखें विशेष ध्यान
Shani Dev: मकर राशि में शनि वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. आषाढ़ मास में शनिवार को पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
Mahima Shani Dev Ki : शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में एक प्रभावी ग्रह माना गया है. नवग्रहों में शनि को न्यायाधीश माना गया है. ये उपाधि स्वयं भगवान शिव ने उन्हें प्रदान की है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शनि देव ने कठोर तपस्या की थी, तब प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें वरदान दिया था कि शनि की दृष्टि से कोई नहीं बच सकता है. मनुष्य, देवता और पिशाच भी शनि की दृष्टि से प्रभावित होंगे. यही कारण है कि शनि देव की दृष्टि से हर कोई बचना चाहता है.
शनि देव का फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव को न्याय करने वाला ग्रह माना गया है. शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर ही उसे अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं. इसलिए शनि के प्रकोप से बचना है तो कभी भी गलत और अनैतिक कार्य नहीं करने चाहिए.
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या
शनि देव अपनी महादशा, अंर्तदशा, साढेसाती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को अधिक प्रभावित करते हैं. वर्तमान समय में मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए इन राशि वालों को शनि को विशेष रूप से शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए.
आषाढ़ मास में शनि देव की पूजा
आषाढ़ मास को धार्मिक कार्य और पूजा पाठ के लिए अच्छा माना गया है. इस मास में शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि की अशुभता कम होती है. पंचांग के अनुसार 17 जुलाई 2021, शनिवार को आषाढ़ मास की अष्टमी तिथि है. इस दिन शनि देव की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है.
शनि के उपाय
शनि देव को शांत रखने के लिए इन कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए-
- कमजोर व्यक्ति को कभी न सताएं.
- किसी के साथ धोखा न करें.
- दूसरे के धन को हड़पने का प्रयास न करें.
- नशा नहीं करना चाहिए.
- गलत संगत से दूर रहें.
- परिश्रम करने वालों का कभी अपमान न करें.