Hindu New Year 2022 : शनि होंगे हिंदू नववर्ष के राजा, इन राशियों पर शनि देव की रहेगी विशेष दृष्टि, अवश्य करें ये उपाय
Hindu New Year 2022 : 2 अप्रैल 2022 से हिंदू नववर्ष का शुभारंभ होने जा रहा है. इस बार नवसंवत्सर के राजा शनि हैं. इसलिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
Hindu New Year 2022 : नवसंवत्सर यानि हिंदू नववर्ष कई मामलों में विशेष होने जा रहा है. मान्यता के अनुसार नवसंवत्सर 2079 के राजा शनि है. शास्त्रों में शनि को कर्मफलदाता और न्यायाधीश बताया गया है. नववर्ष पर शनि देव की विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा.
विक्रम संवत 2079 कब है 2022 (Hindu Nav Varsh 2022)
पंचांग के अनुसार नवसंवत्सर यानि हिंदू नववर्ष 2 अप्रैल 2022 से आरंभ हो रहा है. इसे विक्रम नवसंवत्सर भी कहा जाता है. इस दिन चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि है.
शनि देव राजा हैं इस 'नवसंवत्सर' के
मान्यता है कि नए वर्ष के प्रथम दिन के स्वामी को उस वर्ष का स्वामी माना जाता है.2 अप्रैल को शनिवार का दिन है. इसलिए इस वर्ष के देवता शनि महाराज हैं. इसके साथ ही नवसंवत्सर का निवास कुम्हार का आवास और समय का वाहन अश्व होगा.नवसंवत्सर को अलग अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, जैसे-
- असम- रोंगली, बिहू
- महाराष्ट्र- गुड़ी पड़वा
- पंजाब- वैशाखी
- जम्मू कश्मीर- नवरेह
- आंध्र प्रदेश- उगादिनाम
- केरल- विशु
- सिंधी समुदाय- चेटीचंड
मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती
29 अप्रैल 2022 को शनि का राशि परिवर्तन होने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे एक बड़ा राशि परिवर्तन माना जा रहा है. शनि मकर राशि से अब कुंभ राशि में गोचर करेंगे.
शनि के राशि परिवर्तन करते ही मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती के अलग-अलग चरण शुरू होंगे. वर्तमान समय कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा, मकर राशि पर तीसरा और मीन राशि पर पहला चरण शुरू होगा.
शनि की साढ़े साती
कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरु होने जा रही है. शनि के राशि परिवर्तन होने से धनु राशि से साढ़ेसाती,मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी.इन राशियों को लाभ और लंबे समय से रूके कार्य पूर्ण होंगे.
उपाय
इस वर्ष शनि को प्रसन्न रखें और शनि से जुड़ी चीजों का दान करें. शनि कर्म के कारक हैं. इसलिए परिश्रम करने से न घबराएं. वहीं परिश्रम करने वालों का सम्मान करें. पशु-पक्षियों की सेवा करें. कुष्ठ रोगियों की सेवा करने से भी शनि की अशुभता दूर होती है.
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