Shani Dev: ज्योतिष (Jyotish) के अनुसार, कुंभ राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है, जिसके स्वामी शनि देव हैं. वर्तमान में शनि देव कुंभ राशि (Kumbh Rashi) में वक्री अवस्था में विराजमान हैं.
कुंभ राशि में कब तक रहेंगे शनि देव
- शनि देव को न्यायप्रिय और मोक्ष प्रदाता कहा गया है. कुंभ राशि में फिलहाल शनि देव वक्री (Shani Vakri 2024) चल रहे हैं और नवंबर में इसी राशि में मार्गी (Shani Margi) हो जाएंगे. लेकिन शनि देव इतनी जल्दी कुंभ राशि वालों को नहीं छोड़ने वाले, बल्कि वे 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में ही विराजमान रहेंगे.
- अगले साल 2025 को शनि देव मीन राशि में गोचर (Shani Gochar) करेंगे. शनि देव के राशि परिवर्तन करते ही मकर राशि (Makar Rashi) वाले साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे. वहीं कुंभ राशि वालों पर साढ़ेसाती (Sadesati) का अंतिम चरण शुरू हो जाएगा. यानी 2025 में कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति नहीं मिलेगी.
- बता दें कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव किसी राशि में ढाई-ढाई वर्ष के लिए तीन चरणों में होता है. फिलहाल कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है और शनि के मीन राशि में गोचर करते ही कुंभ वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण समाप्त होगा और तीसरा चरण शुरू हो जाएगा. तीसरा चरण भी ढाई वर्ष का रहेगा.
- 3 जून 2027 तक शनि मीन राशि में ही रहेंगे और फिर मेष राशि (Mesh) में प्रवेश करेंगे. इसके बाद वक्री चाल चलते हुए शनि 20 अक्टूबर 2027 को फिर से मीन राशि में गोचर करेंगे और 23 फरवरी 2028 को मेष में गोचर करेंगे और इसी दिन शनि देव कुंभ को छोड़ देंगे.
- 23 फवरी 2028 को कुंभ राशि वाले जातक पूरी तरह से शनि की साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे. ऐसे में अभी और 4 वर्ष तक कुंभ राशि वालों पर शनि का प्रभाव रहेगा. साढ़ेसाती का दूसरा चरण और तीसरा चरण भी बहुत कष्टकारी होता है. इस समय व्यक्ति का जीवन शारीरिक, मानसिक और आर्थिक स्थिति से प्रभावित होता है.
ये राशियां भी रहें सावधान
मार्च 2025 में जब शनि देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे तो मकर राशि वालों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती खत्म होगी. लेकिन कई राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. कुंभ के साथ ही मेष राशि, मीन राशि वाले शनि का साढ़ेसाती वहीं धनु काशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव रहेगा.
साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए क्या करें
शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करें, शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें और सरसों तेल का दीप जलाएं, शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करें, शनि ग्रह से संबंधित चीजों का दान करें और गरीब-जरूरतमंदों की सहायता करें.
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