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Shani Dev: शनि देव की पूजा में भूलकर भी न करें इन चीजों का इस्तेमाल, भुगतना पड़ेगा गंभीर अंजाम
Shani Dev: शनि देव की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. शनि देव की पूजा से जुड़े खास नियम होते हैं. जानते हैं कि शनि पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
Shani Dev: शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनि देव को न्याय के देवता हैं जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनि को सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है.
ईमानदार लोगों को शनि यश, धन, पद और सम्मान देते हैं वहीं लोभी और पापी लोगों को शनि सिर्फ दुख और कष्ट देते हैं. शनिवार के दिन शनि की पूजा करने के कुछ खास नियम होते हैं. जानते हैं कि शनि देव की पूजा में कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.
शनि देव की पूजा में न करें इन चीजों का इस्तेमाल
- शनि की पूजा में कभी भी तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. तांबे का संबंध सूर्य देव से माना जाता है. शनि देव सूर्य के पुत्र होने के बावजूद उनके परम शत्रु भी हैं. शनि की पूजा में तांबे के इस्तेमाल से सूर्य और शनि दोनों की स्थिति कमजोर होती है. शनि देव की पूजा में लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ होता है.
- लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. मंगल और शनि परस्पर शत्रु ग्रह हैं. इसलिए शनि पूजा में लाल रंग के वस्त्र, फूल, तिल, या अन्य सामग्री का प्रयोग नहीं करना चाहिए. शनि देव को काला रंग पसंद है इसलिए शनि की पूजा काले या नीले रंग के कपड़े ही पहन कर करनी चाहिए.
- शनि देव की पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि गलती से भी चमड़े से बनी किसी वस्तु का इस्तेमान न हो रहा हो. शनि की पूजा में चमड़े का इस्तेमाल बेहद अशुभ माना जाता है.
- शनि देव की पूजा में टूटा दीपक, खराब फूल, या किसी भी ऐसी वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए जो सही अवस्था में न हो. शनि पूजा के समय मन में किसी के प्रति द्वेष या क्रोध का भाव नहीं रखना चाहिए.
शनि की पूजा में रखें इन बातों का ध्यान
- कोई भी पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके की जाती है लेकिन शनि देव की पूजा हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुख करके करनी चाहिए. मान्यातओं के अनुसार शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं. इसलिए इनकी पूजा भी इसी दिशा में की जाती है.
- शनिदेव की पूजा कभी भी उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए. पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए. इसके पीछे यह मान्यता है कि शनि देव को श्राप मिला था कि वह जिसे भी देखेंगे, उसका अनिष्ट ही होगा.
- शनि पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. शनि देव की प्रतिमा को गंगाजल और पुष्पों से स्नान कराएं. शनि देव को तिल का तेल, दीपक, धूप, और नैवेद्य अर्पित करें.
शनि चालीसा का पाठ करें या शनि स्तोत्र का मंत्र जाप करें. शनिवार के दिन दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करें.
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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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