Shani Dev: शनिवार के दिन शनि पूजा में चढ़ाएं ये खास फूल, ढैय्या और साढ़ेसाती से मिलेगी राहत
Shaniwar Upay: शनि देव की पूजा-पाठ से जुड़े खास नियम होते हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. इन नियमों के पालन से शनि देव जल्द प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं.
Shani Dev Puja: शनिवार के दिन न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है. इस दिन न्याय के देवता शनि देव की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. शनिवार के दिन लोग शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं. माना जाता है कि शनि देव जिन लोगों पर भी प्रसन्न होते हैं, उनके किसी भी काम में कभी भी बाधा या अड़चन नहीं आती है.
शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. हालांकि इनकी पूजा के कुछ खास नियम हैं. शनिवार के दिन शनि देव की पूजा में उनका प्रिय फूल चढ़ाना अति उत्तम माना जाता है. शनिवार के दिन शनि देव को यह फूल अर्पित करने से ढैय्या और साढ़ेसाती से राहत मिलती है.
शनिवार के दिन शनि देव को चढ़ाएं ये फूल
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना में उन्हें फूल अर्पित करने का विधान है. देवी-देवताओं को फूल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है. शनि देव की पूजा में भी फूल चढ़ाने का खास महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,शनि देव को आक का फूल बहुत प्रिय है. शनिवार के दिन शनि देव को आक का फूल अर्पित करने से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से भी राहत मिलती है. ये फूल चढ़ाने से शनि देव की कृपा बरसती है और सारे बिगड़े काम भी बनने लगते हैं. शनिवार के दिन शनि देव को उनकी प्रिय वस्तुएं चढ़ाना बहुत अच्छा माना जाता है.
शनि पूजा में रखें इन बातों का ध्यान
शनि देव की पूजा बहुत नियमों के साथ की जाती है. इनकी पूजा में छोटी-छोटी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. शनि देव की पूजा हमेशा पास के किसी मंदिर में जाकर करना उचित होता है. इनकी पूजा करते समय इनके ठीक सामने दीपक नहीं जलाना चाहिए. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शनि देव जल्द प्रसन्न होते हैं. शनि पूजा में कभी भी लाल रंग या लाल फूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. लाल रंग मंगल का परिचायक माना जाता है और मंगल शनि के शत्रु ग्रह हैं.
शनि मंदिर में जाकर पूजा करते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी शनि देव की आंखों में आंखें डालकर उनके दर्शन न करें. माना जाता है कि इससे शनि देव की कुदृष्टि पड़ती है. शनि की कुदृष्टि जिस पर भी पड़ती है उसके कष्ट बढ़ जाते हैं. शनि देव की इस दृष्टि से बचने के लिए शनि देव की मूर्ति की बजाय उनके शिला रूप के दर्शन करें. उन्हें तेल अर्पित करते समय बात का ध्यान रखें कि तेल चढ़ाते समय इधर-उधर ना गिरे.
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