Shani Dev: शनि देव को धर्मराज की उपाधि हासिल है. मान्यता है कि सूर्य राजा, बुध मंत्री, मंगल सेनापति, शनि न्यायधीश और राहू-केतु प्रशासक हैं. शनि देव न्याय के देवता माने गए हैं. मान्यता है कि एक निश्चित समय के लिए शनि देव हर राशि में भ्रमण करते हैं जिसके प्रभावस्वरूप व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से शुभ अशुभ फल मिलता है. 


कितने साल तक एक राशि में रहता है शनि और साढ़ेसाती 
शनि ग्रह धीमी चाल चलता है यह एक राशि में करीब ढ़ाई साल तक रहते हैं. शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती व्यक्ति के जीवन में भूचाल ला देती है. शनि 12 राशियों में घूमने में 30 साल का समय लेते हैं, यानि ढ़ाई साल एक राशि में रहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़ेसाती हर व्यक्ति के जीवन में तीन बार जरुर आती है. हर 30 साल बाद मनुष्य को शनि की साढ़ेसाती का सामना करना पड़ता है. 



शनि की साढ़ेसाती अर्थात 7 साल तक कुछ राशियों को शनि का तीव्र वेग झेलना पड़ता है. शनि जिस राशि में विराजमान होते हैं, उसपर और उसके एक राशि आगे और एक राशि पीछे पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है. 


साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव
साढ़ेसाती का प्रभाव विकट होता है. शनि साढ़ेसाती को ढाई-ढाई साल के तीन चरणों में बांटा गया है. शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में मनुष्य को आर्थिक परेशानी होती है, दूसरे चरण का प्रभाव कार्यक्षेत्र और परिवारिक जीवन पर और तीसेर चरण का असर सेहत पर होता है. 


साढ़ेसाती के उपाय
साल 2023 में मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. शनि की साढ़ेसाती से राहत पाने के लिए शिव जी और हनुमान जी की उपासना श्रेष्ठ मानी गई है. हनुमान चालीसा पढ़ना, शिव को जल अर्पित करना, दान पुण्य करना, साफ-सफाई से रहना और सभी प्राणियों के प्रति सद्भभाव रखने से शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलती है. 


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