Mahima Shani Dev Ki: सावन का महीना 25 जुलाई 2021 से आरंभ हो चुका है. सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि सावन मास भगवान शिव का प्रिय मास है. इसे श्रावण मास भी कहते हैं.
पंचांग के अनुसार चातुर्मास आरंभ हो चुके हैं. बीते 20 जुलाई से देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हुआ था. सावन का महीना, चातुर्मास का पहला महीना माना गया है. चातुर्मास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. मान्यता है कि इस तिथि से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारंभ होता है. इस दौरान भगवान विष्णु पृथ्वी की बागड़ोर भगवान को शिव को सौंप देते हैं.
शिवजी माता पार्वती के साथ भ्रमण करते हैं
चातुर्मास के पहले मास यानी सावन के महीने में भगवान शिव, माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इसीलिए सावन का विशेष महत्व बताया गया है. सावन में पूजा करने से शनिदेव भी शांत होते हैं.
शनिदेव की पूजा
वर्तमान समय में मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या है. धनु राशि, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. सावन में शनिदेव की पूजा करने से शनि की अशुभता दूर होती है. इसके साथ ही जिन लोगों पर शनि की दशा या फिर जन्म कुंडली में शनि अशुभ है तो इसमें भी लाभ प्राप्त होता है.
सावन में पहला शनिवार
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से शांत होते हैं और प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं. सावन का पहला शनिवार पंचांग के अनुसार 31 जुलाई 2021 को पड़ रहा है. इस दिन शनि मंदिर में शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से शनि की अशुभता दूर होती है.