Shani Amavasya July 2021: मकर राशि में शनि इस समय विराजमान है. मकर राशि में शनि वक्री अवस्था में गोचर कर रहे हैं. यानि शनि देव मकर राशि में उल्टी चाल में चल रहे हैं. शनि की वक्री अवस्था को ज्योतिष शास्त्र में कुछ चीजों के लिए अच्छा नहीं माना गया है. ऐसी मान्यता है कि शनि देव वक्री अवस्था में पीड़ित होते हैं. इसलिए पूर्ण फल प्रदान नहीं कर पाते हैं.
चांग के अनुसार 10 जुलाई 2021, शनिवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. इस अमावस्या की तिथि को शनिश्चरी अमावस्या भी कहते हैं. शनिवार के दिन जब अमावस्या की तिथि पड़ती है तो इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है. शनि देव की पूजा करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या को विशेष फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन पूजा और दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या की अशुभता कम होती है. इसके साथ ही जिन लोगों को जन्म कुंडली में शनि की दशा और अंर्तदशा आदि चल रही है और अशुभ फल प्राप्त हो रहे हैं, उन्हें भी इस दिन पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है.
शनि की दृष्टि इन 5 राशियों पर है
- मिथुन राशि
- तुला राशि
- धनु राशि
- मकर राशि
- कुंभ राशि
ज्योतिष गणना के अनुसार मिथुन और तुला पर शनि की साढ़ेसाती और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.
शनिश्चरी अमावस्या का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 10 जुलाई को अमावस्या की तिथि सूर्योदय के कुछ देर बाद ही समाप्त हो जाएगी. इसलिए इससे पूर्व ही शनि देव की पूजा कर सकते हैं.
अमावस्या की तिथि का आरंभ: 09 जुलाई 2021 को प्रात: 05 बजकर 16 मिनट से.
अमावस्या की तिथि का समापन: 10 जुलाई 2021 को प्रात: 06 बजकर 46 मिनट पर.
शनि का दान
शनिश्चरी अमावस्या पर शनि से जुड़ी चीजों का दान करना अच्छा माना गया है. इस दिन सरसों का तेल, काला छाता, काले तिल आदि का दान करना चाहिए. इसके साथ ही इन मंत्रों का जाप करना चाहिए-
- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः
- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः
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