Shani Dev: शनि साढे़साती और शनि की ढैय्या से बचने के लिए मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें, इन 5 राशियों पर शनि हैं भारी
Shani Dev And Hanuman Ji: मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि भारी है. इन 5 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है. आज मंगलवार का दिन है. मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन होता है. शनि देव को शांत करने के लिए क्या करें, जानते हैं.
Shani Ki Dhaiya: शनि की कू्रर दृष्टि जब किसी राशि पर पड़ती है तो शनि देव उसका जीवन कष्टों से भर देते है. इसलिए जीवन में शनि को शांत रखने की सलाह दी जाती है. शनि हमेशा अशुभ फल प्रदान करते हैं ऐसा नहीं है, शनि देव शुभ फल भी प्रदान करते हैं. शनि को ज्योतिष शास्त्र में न्यायप्रिय ग्रह माना गया है.
हनुमान भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का दिन उत्तम माना गया है. मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन जिन लोगों को पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल या फिर शनि की दृष्टि अशुभ हैं वे हनुमान पूजा से लाभ ले सकते हैं.
मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि भारी हैं मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की दृष्टि है. इन 5 राशियों पर शनि भारी है. मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या है, वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढे़साती चल रही है. इसलिए इन राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ जिन लोगों पर शनि की महादशा है उन्हें भी मंगलवार को हनुमान जी की उपासना से शनि देव को शांत कर सकते हैं.
मकर राशि में गुरु के साथ शनि की बनी हुई है युति मकर राशि में देव गुरु बृहस्पति ग्रह के साथ शनि की युति बनी हुई है. शनि के साथ गुरु का संबंध सम है. यानि इनकी आपस में कोई शत्रुता नहीं है.
हनुमान पूजा से शनि देव होते हैं शांत आज मंगलवार है. मंगलवार का दिन हनुमान पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा से शनि की अशुभता को कम किया जा सकता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी को शनि देव ने वचन दिया हुआ कि हनुमान भक्तों को वे परेशान नहीं करेंगे. इसलिए मंगलवार को जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हें शनि परेशान नहीं करते हैं.
हनुमान चालीसा का पाठ करें मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मंगलवार को सुबह और शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
इस मंत्र का जाप करें मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥