Shani Dev: इन 5 राशियों पर है शनि देव की क्रूर दृष्टि, शनि साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या में आती है ये परेशानियां
Shani Ki Dhaiya 2020: शनि देव का नाम आते ही एक डर सताने लगता है. शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या जिस राशि पर होती है उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन 5 राशियों पर शनि की क्रूर दृष्टि है.
Shani Sade Sati 2020: शनि देव के बारे में कहा जाता है कि वे न्याय के कारक है. ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय प्रिय ग्रह कहा गया है. शनि के नाम पर डरने की जरूरत नहीं है. शनि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं. इसलिए शनि का फल सदैव अशुभ हो ऐसा नहीं है, शनि शुभ फल भी प्रदान करते हैं. लेकिन जब शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या आरंभ होती है तो इसके फल शुभ नहीं होते हैं.
शनि साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के फल शनि देव की दृष्टि से कोई भी नहीं बच पाता है. जीवन में हर व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या का सामना करना ही पड़ता है. ऐसा कहा जाता कि जाने अंजाने में व्यक्ति से कई गलत कार्य हो जाते हैं, शनि इन कार्यों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. शनि देव साढ़ेसाती और ढैय्या की अवस्था में व्यक्ति को धनहानि, रोग, विवाद, अपमान, जॉब छूट जाना, व्यापार में लगातार असफलता, घर से दूर कर देना आदि समस्याओं का सामाना करना पड़ता है.
शनि की ढैय्या ज्योतिष गणना के अनुसार इस समय मिथुन, तुला पर शनि की ढैय्या चल रही है.
शनि साढ़ेसाती धनु, मकर, कुंभ राशि पर इस समय शनि की साढे़साती चल रही है. वर्ष 2021 में शनि की स्थिति शनि देव साल 2021 में शनि का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. यानि नए वर्ष में शनि का कोई गोचर नहीं होने वाला है. शनिदेव वर्ष 2020 से अगले ढ़ाई वर्षों के लिए मकर राशि में मौजूद रहेंगे. इस समय शनि के साथ देव गुरु बृहस्पति भी विराजमान हैं.
शनि उपाय शनि देव की कू्रर दृष्टि से बचने के लिए व्यक्ति को गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए, गरीब और मजबूर व्यक्तियों को कभी सताना नहीं चाहिए. ऐसा करने से शनि देव बहुत जल्दी नाराज होते हैं. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार और मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. और शनि का दान देना चाहिए.
12 राशियों का राशिफल: 11 दिसंबर को वृश्चिक राशि में आ रहा है शुक्र ग्रह, जानें शुभ-अशुभ फल
Chanakya Niti: शत्रु को पराजित करने के लिए चाणक्य की इन बातों को हमेशा याद रखें, जानिए चाणक्य नीति