Shani Dev, Shani Sade Sati: ज्योतिष में शनि देव को विशेष स्थान प्राप्त है. शनि देव को कर्मफल और न्याय का देवता कहा गया है. ये सभी को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. एक पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी. इससे भगवान शिव अति प्रसन्न होकर शनि देव को कलियुग के न्यायाधीश यानि दंडाधिकारी की उपाधि प्रदान की. तभी से इन्हें न्याय देवता और कर्मफलदाता कहा जाने लगा. कलियुग में मनुष्य के कर्मों का फल शनि देव ही प्रदान करते हैं.
पंचांग के अनुसार जुलाई 2022 से मकर राशि में शनि वक्री अवस्था में है. वे 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी होंगे. शनि देव मकर राशि में 17 जनवरी 2023 तक मार्गी रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है कि जब शनि व्रकी होते हैं तो ये पीड़ित हो जाते हैं. इससे इनकी चाल और धीमी हो जाती है. शनिदेव के मकर राशि में मार्गी होने से सभी राशियां प्रभावित होगी. कुछ राशियों के लिए शनि का मार्गी होना लाभप्रद रहेगा और कुछ के लिए नुकसान दायक साबित होगा.
साढ़े साती और शनि की ढैय्या किन राशियों पर है?
जुलाई 2022 से शनि मकर राशि में वक्री हैं. इससे वर्तमान समय में 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या चल रही है. ये राशियां इस प्रकार है.
इन राशियों पर चल रही हैं शनि की साढ़ेसाती
- धनु राशि
- मकर राशि
- कुंभ राशि
इन राशियों पर चल रही हैं शनि की ढैया
- मिथुन राशि
- तुला राशि
कब खत्म होगी शनि की साढ़े साती?
पंचांग के मुताबिक़ मिथुन और तुला राशि वालों पर चल रही शनि की ढैय्या जल्द ही खत्म होने वाली है. इन पर शनि की ढैय्या 17 जनवरी 2023 तक रहेगी. इसके बाद जब शनि देव मकर राशि से निकल कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो धनु राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाएगा और मीन राशि पर साढ़े साती प्रारंभ हो जाएगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंचांग के अनुसार 17 जनवरी 2023 तक शनि मकर राशि में मार्गी रहेंगे. उसके बाद वे कुंभ राशि में गोचर करेंगे.
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