Shani Margi: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को क्रूर माना गया है. शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. जो लोग अपने जीवन में अच्छे कर्म करते हैं उन्हें शनि अच्छे फल देते हैं लेकिन बुरे काम करने वालों को शनि के नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ते हैं. शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है. यह लगभग ढाई साल तक एक ही राशि में रहकर ढैया का निर्माण करता है. जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती रहती है, उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
कुंभ राशि में हैं शनि देव
शनि अभी कुंभ राशि में वक्री अवस्था में हैं. शनि कुंभ में उल्टी चाल से चल रहे हैं और वो 4 नवंबर को वो मार्गी अवस्था में आ जाएंगे. 4 नवंबर से शनि फिर से सीधी चाल चलने लगेंगे. राशि चक्र के अनुसार कुंभ 11 वीं राशि है. इस राशि के स्वामी ग्रह स्वंय शनि देव ही हैं. शनि अभी कुंभ राशि में हैं. इन लोगों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है. कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती 24 जनवरी 2022 से शुरू हो गई थी. 17 जनवरी 2023 को शनि ने मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया था. इसके बाद से ही कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हुआ था. कुंभ राशि के जातकों पर से शनि की साढ़े साती 3 जून 2027 को समाप्त होगी.
शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण का प्रभाव
शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण में जातक को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण को सबसे ज्यादा पीड़ा दायक माना गया है. जब शनि 12वें भाव से पहले घर में आते हैं, तब शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरू हो जाता है. इस अवधि में व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनि की साढ़े साती के दूसरे चरण में व्यक्ति में कभी-कभी कानूनी विवाद में भी फंस जाता है. हालांकि इस राशि के स्वामी होने के कारण शनि देव कुंभ राशि वालों को साढ़े साती की अवधि में कम प्रताड़ित करते हैं.
ये भी पढ़ें
आज पापांकुशा एकादशी पर जरूर करें ये उपाय, भर जाएंगे धन के भंडार
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.