Shani Vakri 2021: शनिदेव वर्ष 2021 में कोई राशि परिवर्तन नहीं कर रहे हैं. इस समय शनि अस्त हो चुके हैं. पंचांग के अनुसार 9 फरवरी को शनि उदय होंगे. शनि जब अस्त होते हैं तो शनि का प्रभाव कम हो जाता है. लेकिन अस्त होने के बाद शनि अब वक्री होने जा रहे हैं. शनि ग्रह का व्रकी होना ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है. शनि जब वक्री होते हैं तो शुभ फल नहीं देते हैं. व्रकी अवस्था में शनि उल्टी चाल चलते हैं. शनि इस दौरान पीड़ित माने जाते हैं. वर्ष 2021 में शनि मकर राशि में ही वक्री होंगे, जो शनि की राशि है. अपनी ही राशि में शनि का व्रकी होना इन 5 राशियों की मुसीबत को बढ़ा सकता है.


मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंंभ राशि की बढ़ सकती हैं परेशानी
मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए शनि देव के वक्री होने पर इन राशियों की मुश्किलें बढ़ सकती है.


शनि जब अशुभ होते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को हर प्रकार की परेशानी प्रदान करते हैं. शनि देव नाराज होने पर धन में कमी लाते हैं, धन हानि कराते हैं. जॉब और बिजनेस में दिक्कतें पैदा करते हैं यहां तक कि जॉब से भी व्यक्ति को हाथ धोना पड़ता है. इस दौरान रोग भी घेर लेते हैं, दांपत्य जीवन में भी दिक्कतें आने लगती है. व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है. कर्ज बढ़ जाता है.


शनि कब होंगे वक्री
ज्योतिष गणना के अनुसार 23 मई से 11 अक्टूबर तक शनि मकर राशि में वक्री होंगे. शनिदेव 141 दिनों तक वक्री रहेंगे.


शनि का उपाय
शनि व्रकी होने पर अशुभ फल प्रदान न करें इसके लिए अभी से उपाय आरंभ कर देना चाहिए. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें. प्रत्येक शनिवार शनिदेव का दान करें. इस दौरान कमजोर व्यक्तियों का अपमान न करें. जरूरमंत व्यक्तियों की मदद करें.


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