Shani Dev: कार्तिक मास का पहला शनिवार कल, साढ़े साती और ढैय्या से चाहते हैं राहत तो ऐसे करें शनि देव की पूजा
Shani Dev: 15 अक्टूबर 2022 को शनिवार है. ये कार्तिक मास (Kartik 2022) का पहला शनिवार है. मान्यता है कि कार्तिक महीने में पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
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Shani Dev: कार्तिक मास (kartik maas) को उत्तम मास भी कहा गया है. धार्मिक दृष्टि से कार्तिक महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है, धनतेरस, दिवाली, छठ पूजा आदि जैसे महत्वपूर्ण पर्व कार्तिक के महीने में ही आते हैं.
15 अक्टूबर 2022 को शनिवार है. इस दिन पंचांग (Panchang 15 October 2022) के अनुसार षष्ठी की तिथि, मृगशिरा नक्षत्र और चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करेगा. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन उत्तम संयोग बना हुआ है. विशेष बात ये है कि कार्तिक मास में ही शनि वक्री से मार्गी होंगे. ज्योतिषीय गणना (Astrology) के अनुसार शनि कार्तिक मास में यानि 23 अक्टूबर 2022 को वक्री से मार्गी होंगे.
कार्तिक मास में शनि पूजा का महत्व (kartik 2022 Shani Dev Puja)
कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास भी कहा गया है. इस महीने देवउठानी एकादशी का पर्व भी मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करते हैं. ब्रह्म पुराण के अनुसार शनि देव को भगवान विष्णु का भक्त बताया गया है. इसलिए कार्तिक मास में जो कोई भी भगवान विष्णु की सच्चे मन से उपासना या पूजा करता है शनि देव उस पर अपनी क्रूर दृष्टि नहीं डालते हैं.
मिथुन, तुला समेत इन राशि के लोग करें ये उपाय
वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है. इनमें से दो पर शनि की ढैय्या, और 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती चल रही है. ये राशियां कौन कौन सी हैं? जानते हैं-
- मिथुन राशि- शनि की ढैय्या
- तुला राशि- शनि की ढैय्या
- धनु राशि- शनि की साढ़े साती
- मकर राशि- शनि की साढ़े साती
- कुंभ राशि- शनि की साढ़े साती
शनिवार के उपाय ( Shani Shaniwar Upay)
इन राशियों के साथ जिन राशियों पर शनि की महादशा, अंर्तदशा या कुंडली में कहीं भी बैठकर शनि अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं वे कार्तिक मास के प्रथम शनिवार, अपने नजदीक शनि मंदिर में शनि देव को तिल का तेल चढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से शनि की अशुभता में कमी आएगी. भगवान विष्णु की पूजा में तिल का विशेष महत्व बताया गया है. तिल का प्रयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है. तिल का दान भी उत्तम माना गया है.
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