Shani Sade Sati, Shani Dhaiya : मकर राशि में शनि विराजमान हैं. विशेष बात ये हैं कि वर्तमान समय में शनि व्रकी अवस्था में है. शनि वक्री का अर्थ शनि की उल्टी चाल से है. शनि वक्री होते हैं तो ऐसा माना जाता है कि वे पीड़ित हो जाते हैं. शनि देव को उल्टी चाल की अवस्था में बहुत कष्ट होता है.


शनि की साढे़साती और शनि की ढैय्या
वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि का विशेष प्रभाव है. कह सकते हैं कि इन 5 राशियों पर शनि की दृष्टि है. ये राशियां हैं-


1- मिथुन राशि
2- तुला राशि
3- धनु राशि
4- मकर राशि
5- कुंभ राशि


इनमे से मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए इन राशियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.


चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण
23 मई 2021 को शनि मार्गी से वक्री हुए थे. इसके बाद 26 मई, बुधवार को साल का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में लगा. अब ठीक 15 दिन बाद यानि 10 जून, गुरूवार को वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. शनि वक्री होने के बाद दो ग्रहण का लगना शुभ नहीं माना जाता है.


सूर्य ग्रहण कब है?
10 जून, गुरूवार को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष को अमावस्या तिथि को सूर्य ग्रहण लग रहा है. इस सूर्य ग्रहण को भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण माना जा रहा है. इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक नियमों के पालन करने की जरूरत नहीं होगी. सूतक काल में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ होता है. साल का प्रथम सूर्य ग्रहण को कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भी कहा जा रहा है जो  दक्षिणी अमेरिका, अंटार्कटिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका, प्रशांत महासागर और आइसलैंड क्षेत्र में दिखाई देगा. 


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