Shani Dev: शनि ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में एक कठोर ग्रह बनाया गया है. शनि देव सूर्य भगवान के पुत्र हैं, लेकिन शनि देव की अपने पिता सूर्य देव से नहीं बनती है. शनि जब किसी पर अशुभ दृष्टि डालते हैं तो उसके जीवन में संकटों को अंबार लग जाता है. व्यक्ति को लगातार हानि होने लगती है. हर कार्य में असफलता मिलने लगती है. गंभीर रोग घेर लेते हैं.
शनि जीवन में शुभ फल प्रदान करें इसके लिए कुछ विशेष बातों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. शनि देव के 9 वाहन बताए गए हैं. शनि के वाहनों का कभी अपमान नहीं करना चाहिए.
1. हंस पक्षी को शनि का वाहन माना गया है. शनि देव को हंस प्रिय हैं. ज्योतिष शास्त्र में हंस को बुद्धि, परिश्रम और सौभाग्य का सूचक माना गया है. इसलिए इस पक्षी के प्रति सदैव आदर भाव रखना चाहिए.
2. मोर भी शनि देव का वाहन है. मोर को जीवन में उल्लास और उमंग का सूचक माना गया है. मोर को कभी हानि नहीं पहुंचानी चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से शनि देव नाराज होते हैं और कठोर दंड देते हैं. इसलिए मोर की सेवा करनी चाहिए गर्मियों में उनके लिए जल की व्यवस्था करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
3. शनि देव के वाहनों में सियार भी शामिल है. जब शनि देव सियार पर सवार होकर आते हैं तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते हं.
4. भैंसा भी शनि की सवारी है. शनि देव का वाहन होने के कारण भैंसा को भूखा और प्यासा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव नाराज होते हैं. शनि अशुभ होने पर भैसा को चारा खिलाना चाहिए.
5. शनिदेव का वाहन कौआ भी है. कौआ को नित्य रोटी खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. कौआ को भूलकर भी नुकसान नहीं पहुचाना चाहिए.
6. शनि देव का वाहन हाथी बहुत ही शुभ माना गया है. हाथी की सेवा करने से शनि से संबंधित दोष कम होता है. हाथी को फल खिलाने से शनि और राहु-केतु शांत होते हैं.
7. शनिदेव सिंह की भी सवारी करते हैं. जब शनि देव सिंह की सवारी करते हैं तो शुभ फल प्रदान करते हंै.
8. घोड़ा भी शनि देव का वाहन है. घोड़े को शक्ति का प्रतीक माना गया है. घोड़े की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
9. गधा भी शनि देव का वाहन माना गया है. गधे को एक शांत जानवर माना गया है. गधे को चारा और भोजन खिलाने से शनि प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.
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