Shani Dev Upay, Raja Dasharath krit Shani Stotra: कल 31 दिसंबर शनिवार साल 2022 का आखिरी दिन होगा. उसके बाद नया साल 2023 शुरू हो जाएगा. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.


ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि जिस किसी से नाराज होते हैं उन्हें अपार कष्ट भोगना पड़ता है. उन्हें शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप झेलना पड़ता है. वहीं जिस पर शनि देव की कृपा होती है, उसकी सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं.


कुंभ राशि में शनि गोचर 2023   


पंचांग के मुताबिक़ 23 अक्टूबर 2022 से शनि मकर राशि में मार्गी अवस्था में संचरण कर रहें हैं जो कि 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. कुंभ राशि में शनि गोचर से मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क एवं वृश्चिक राशि पर शनि ढैय्या का प्रकोप रहेगा.


शनि साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए इस साल के आखिरी दिन यानी 31 अक्टूबर को ये ख़ास उपाय यानी शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि इससे शनि देव प्रसन्न होंगे और उनके सभी प्रकार के दोष खत्म हो जायेंगे.


शनि स्त्रोत


नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।


नम: कालाग्निरुपाय कृतान्ताय च वै नमः। 1


नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।


नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते। 2


नम: पुष्कलगात्राय स्थुलरोम्णेऽथ वै नमः।


नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते। 3


नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नमः।


नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने। 4


नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।


सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च। 5


अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।


नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तु ते। 6


तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।


नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नमः। 7


ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।


तुष्टो ददासि वै राज्यं रूष्टो हरसि तत्क्षणात्। 8


देवासुरमनुष्याश्र्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।


त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:। 9


प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।


एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:। 10


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