Shani Dev: शनि देव को धर्मराज कहा जाता है. शनि देव को दण्डाधिकारी की उपाधि दी गई है. लोगों को उनके कर्मों के अनुसार शनि देव का शुभ-अशुभ फल मिलता है. कहते हैं कि व्यक्ति यदि भूलवश भी कोई गलती कर दे तो वह शनि देव के दंड के विधान से बच नहीं पाता है. यही कारण है कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी कुंडली में शनि की स्थिति ठीक रहे और उसे शनि दोष से पीड़ित न होना पड़े. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार शनि देव को भी श्राप का भागी बनना पड़ा था.


शनि की कथा (Shani Katha)


शनि देव को उनकी पत्नी द्वारा ही श्राप दिया गया था. इस श्राप ने आज तक शनि देव का पीछा नहीं छोड़ा, जिस कारण वे सिर झुकाकर चलते हैं. जानते हैं शनि देव की पत्नी और इस पौराणिक कथा के बारे में. लेकिन इससे पहले ये जानते हैं कि शनि देव की कुल कितनी पत्नियां हैं. 



ये हैं शनि देव की पत्नियां- धार्मिंक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव की कुल 8 पत्नियां हैं



  1. ध्वजिनी

  2. धामिनी

  3. कलहप्रिया

  4. कंकाली

  5. तुरंगी

  6. कंटकी

  7. महिषी

  8. अजा


शनि देव को मिला था पत्नी से श्राप
पुराणों में भी शनि कथा का जिक्र है. ब्रह्मपुराण के अनुसार, शनि देव श्री कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे. वे अपना ज्यादातर समय श्रीकृष्ण की उपासना में ही व्यतीत करते थे. एक बार की बात है जब शनि देव की पत्नी को संतान प्राप्ति की इच्छा हुई. इसके लिए वह शनि देव के पास पहुंची. लेकिन शनि देव कृष्ण भक्ति में लीन थे. पत्नी के खूब कोशिशों के बाद भी शनि देव का ध्यान भंग नहीं हो पाया. इसके बाद शनि देव की पत्नी को क्रोध आ गया और उन्होंने क्रोध में ही शनि देव को श्राप दे दिया. पत्नी ने कहा कि आज के बाद जिस व्यक्ति पर शनि देव की दृष्टि पड़ेगी वह तबाह हो जाएगा.


जब शनि देव ध्यान से जागे तो शनि देव को भूल का आभास हुआ और उन्होंने पत्नी को मनाने की कोशिश की. इसके लिए शनि देव ने क्षमा भी मांगी. लेकिन शनि देव की पत्नी के पास श्राप को निष्फल करने की शक्ति नहीं थी. इसी घटना के बाद से शनि देव अपना सिर नीचे करके चलने लगे, जिससे की उनकी दृष्टि से किसी का अकारण विनाश न हो.


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