Shanidev Mantra Upay: शनिवार के दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है. इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. शनि देव जिन पर प्रसन्न होते हैं उन लोगों को हर काम में सफलता मिलती है. शनिदेव की कृपा प्राप्त करने में मंत्रों का विशेष योगदान होता है. कुछ खास परिस्थितियों में शनि का मंत्र अनिवार्य माना गया है.


इन परिस्थितयों में करना चाहिए शनि मंत्र का जाप


शनि के मंत्रों का जाप वैसे तो कभी भी किया जा सकता है लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में इसे अनिवार्य माना गया है. अगर इन परिस्थितियों में शनि मंत्र का जाप ना किया जाए तो इसके परिणाम घातक हो सकते है. जब आप पर शनि का दोष और साढ़ेसाती हो तो शनि मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए. शनि के दुष्प्रभाव से दुर्घटना होने की संभावना बढ़ती है.
शनि के कारण आपको बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है.



शनि दोष के कारण जीवन में बहुत सारी कठिनाइयां आती हैं. शनि की बुरी दृष्टि की वजह से व्यक्ति के बने बनाए काम ठीक मौके पर बिगड़ जाते हैं. ऐसी स्थितियों से बचने के लिए शनि के मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.


शनि के मंत्र



  • ॐ शं शनिश्चराय नम:

  • ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

  • ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

  • ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

  • ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

  • ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।


शनिदेव के मंत्रों से लाभ


शनि मंत्र के जाप से यश, धन, पद और सम्मान की प्राप्ति होती है. शनिदेव को अर्थ, धर्म, कर्म एवं न्याय का प्रतीक माना गया है. शनि मंत्र का जाप करने से शनिदेव धन संपत्ति, वैभव और मोक्ष भी प्रदान करते है. शनिदेव के मंत्रों का जाप और शनि चालीसा का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और ढैया और साढ़े साती जैसे कठिन समय में भी आपकी रक्षा करते हैं.


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