Shani Dhaiya 2022: जुलाई से खुलने वाली है इन राशियों की किस्मत, शनि के ये मंत्र लगाएंगे चार चांद
Shani Dhaiya 2022: सूर्यपुत्र शनिदेव महाराज की कुदृष्टि से कोई बच नहीं सकता है. लोगों को आर्थिक और मानसिक कष्टों को सहने के लिए शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप झेलना पड़ता है.
Shani Dev Mantra, Shani Dhaiya 2022: भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र शनि देव (Shani Dev) महाराज को देवाधिदेव भगवान भोलेनाथ (Lord Shiv) ने न्याय के देवता का वरदान दिया है. शनि देव महाराज सभी लोगों के शुभ अशुभ कर्मों का फल प्रदान करते हैं. शनिदेव 12 जुलाई को स्वराशि कुंभ से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. मकर राशि में शनि देव वक्री चाल से चलेंगे. वक्री शनि के मकर राशि में आते ही कर्क और वृश्चिक राशियों के ऊपर से शनि की ढैय्या ख़त्म होगी. जुलाई 2022 में इन 2 राशियों (Zodiac Sings) के ऊपर भगवान शनि देव (Shani Dev) महाराज की विशेष कृपा होगी. शनि की कुदृष्टि हटेगी और इनका कल्याण होगा.
इसलिए कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को शनिवार के दिन शनि देव महाराज की पूजा अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है. शनिवार के दिन (Shani Upay) शनि देव के मंदिर में जाकर तेल और काला तिल चढाने से शनिदेव (Shani Deva) की कृपा प्राप्त होती है.
इन राशियों पर होगी शनि की कृपा (Saturn s grace on these zodiac signs)
- कर्क राशि : कर्क राशि वाले जातकों पर शनि देव महाराज की कृपा बढ़ेगी. जुलाई से कर्क राशि वाले ढैय्या के प्रकोप से मुक्त हो जाएंगे. इन्हें कारोबार में सफलता प्राप्त होगी. रुका हुआ कार्य संपन्न होगा.
- वृश्चिक राशि : वृश्चिक राशि वाले के ऊपर से भी ढैय्या का प्रकोप जुलाई महीने से ही समाप्त हो रहा है. भगवान शनि की कृपा से इनके कारोबार में वृद्धि होगी. नौकरी में पदोन्नति के आसार हैं. आय के नवीन स्रोत बनेंगे.
शनि स्तुति और मंत्र से मिलेगा चमत्कारिक लाभ ( Shani Stuti and Shani Dev Mantra miraculous benefits)
शनि स्तुति (Shani Stuti)
क्रोडं नीलांजनप्रख्यं नीलवर्णसमस्नजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं नमस्यामि शनैश्चरम्।।
नमोर्कपुत्राय शनैश्चराय नीहारवणाजनमेचकाय। श्रुत्वा रहस्यं भवकामदश्च फलप्रदो में भव सूर्यपुत्र।।
मनोस्तु प्रेतराजाय कृष्णदेहाय वै नमः। शनैश्चराय क्रूराय शुद्धबुद्धिप्रदायिने।।
य एभिर्नामभिः स्तौति तस्य तुष्टा भवाम्यहम्। मदीयं तु भयं तस्य स्वपेपि न भविष्यति।।
शनि मंत्र (Shani Dev Mantra)
- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः
- ऊँ शं शनैश्वराय नमः
- ऊँ शं शनैश्चराय नमः
- ऊँ ऐं ह्रीं स्त्रहं शनैश्चराय नमः
- ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ सः खौं खीं खां ऊँ शनैश्चराय नमः
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