Shani Dev: शनि इन 5 कामों को करने वालों को कभी नहीं करते हैं परेशान, जीवन में देते हैं धन और सम्मान
Shani Dev:शनि के बारे में ज्यादातर लोगों की धारणा है कि ये सदैव अशुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. शनि उन लोगों को परेशान नहीं करते हैं जो इन 5 कामों को नियमित अपने जीवन में करते रहते हैं.
Shani Dev: शनि देव का स्थान ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में विशेष माना गया है. नवग्रहों (Navgrah) में शनि को न्यायाधीश की उपाधि प्राप्त है. ये एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं. शनि की महादशा (Shani Mahadasha) 19 वर्ष तक चलती है. इसके अलावा शनि की ढैय्या (Shani Ki Dhaiya) ढाई वर्षों के लिए और साढ़े साती (Shani Ki Sade Sati) साढे सात वर्ष की होती है, इसके तीन चरण होते हैं. तीनों ही चरणों का ज्योतिष ग्रंथों में अलग अलग फल बताया गया है.
शनि की चाल सभी ग्रहों में सबसे धीमी है. यही कारण है कि ये एक राशि से दूसरी राशि में आने पर लगभग ढाई वर्ष का समय लेते हैं. वर्तमान समय में 5 राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव बना हुए है. ये राशियां हैं, मिथुन (Gemini) और तुला (Libra) जिस पर इस समय ढैय्या चल रही है. वहीं धनु (Sagittarius), मकर (Capricorn) और कुंभ राशि (Aquarius) इस समय साढ़े साती की चपेट में हैं.
शनि का फल (Shani Effects)
शनि के बारे में ये मान्यता है कि ये मनुष्य को उसके कर्मों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही कुंडली में शनि की शुभ-अशुभ स्थिति पर भी शनि का फल निर्भर करता है. लेकिन एक बात जो सर्व मान्य है कि जो लोग नेकी के रास्ते पर चलते हैं, दूसरों का कभी अहित नहीं करते हैं और जीव जंतु, पर्यावरण को लेकर संवेदनशील तथा जागरूक रहते हैं, शनि उन्हें कभी परेशान नहीं करते हैं.
शनि कभी नहीं देते हैं कष्ट जो इन 5 कामों को करते हैं (Shani Positive Effects)
शनि के प्रकोप से बचना है तो इन 5 कामों को करने की आदत डाल लेनी चाहिए. मान्यता है कि इन कामों को करने वालों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते हैं और अपनी महादशा, अंर्तदशा में अत्यंत शुभ फल भी प्रदान करते हैं. शनि इन लोगों को जीवन में उच्च पद, मान सम्मान और धनवान बनाते हैं. ये 5 काम कौन-कौन से हैं आइए जानते हैं-
- समाज सेवा से जुड़े कार्यों को करते रहें.
- गरीब, निर्धन और असहाय व्यक्तियों की मदद करें.
- परिश्रम करने वालों का आदर सम्मान करें.
- पेड़ पौधे लगाएं. उनकी देखरेख करें. जीव-जंतुओं को हानि न पहुंचाएं. प्रकृति की सेवा करें.
- कुष्ठ रोगियों की सेवा करें.
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