Saturn Transit Bad Effect, Shani Gochar in Aquarius: कर्मफल दाता शनि 17 जनवरी को रात 8 बजकर 2 मिनट पर राशि परिवर्तन करते हुए मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि करीब 30 साल बाद शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहें हैं.  इनके कुंभ राशि में गोचर करते ही ये 5 राशियाँ शनि के चंगुल में फंस जायेगी. इसके बाद से इनके ऊपर शनि का प्रतिकूल प्रभाव शुरू हो जाएगा.


इन राशियों पर शनि का होगा प्रतिकूल प्रभाव


कुंभ राशि में शनि गोचर के बाद इन 3 राशियों की साढ़ेसाती और 2 राशियों पर शनि की ढैय्या लग जाएगी. हालांकि मिथुन राशि और तुला राशि को ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी तो वहीं धनु राशि को साढ़ेसाती से छुटकारा मिलेगा. आइए जानते हैं कुंभ राशि में शनि गोचर से शनि के चंगुल में फंसी राशियों पर कैसा प्रभाव रहेगा. इनके प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए.


शनि गोचर का मीन राशि पर प्रभाव: मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा. इस दौरान व्यापार में हानि होगी. अनावश्यक यात्रा करना पड़ सकता है. सेहत के मामले में सतर्क रहना होगा. क्रोध पर नियन्त्रण करना होगा.


शनि गोचर का कुंभ राशि पर प्रभाव: कुंभ राशि में शनि 30 साल बाद प्रवेश करेंगे. ऐसे में कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा. इससे आप को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की तकलीफ होगी. गृह क्लेश और करियर से संबंधित समस्याएं होंगी. आर्थिक स्थिति प्रभावित रहेगी. खर्चों में बढ़ोतरी होगी. सेहत कम ठीक रहेगी.


शनि गोचर का मकर राशि पर प्रभाव: आप पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण होगा. इस दौरान मान सम्मान के प्रति अति सतर्क रहना होगा. सेहत से जुड़ी छोटी मोटी परेशानियां बनी रहेगी. लापरवाही के साथ कोई भी काम न करें.


शनि गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव: वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. इस दौरान सेहत ख़राब हो सकती है. घर परिवार में अशांति का माहौल हो सकता है. आर्थिक मोर्चे पर समस्या मिल सकती है. संपत्ति को लेकर कोई विवाद न करें.


शनि गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव: कर्क राशि वालों पर भी ढैय्या शुरू हो जायेगी. आपका स्वास्थ्य सबसे अधिक प्रभावित होगा. पारिवारिक समस्याओं के कारण तनाव भी रहेगा. कार्यक्षेत्र में भी बाधाएं रहेंगी. आर्थिक मामलों में बेहद सतर्क रहना होगा.


शनि गोचर के बुरे प्रभाव से बचाव के उपाय



  1. पीपल के पेड़ में नियमित रूप से जल चढ़ाएं और शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं.

  2. नियमित रूप से भगवान शिव और हनुमानजी की विधि पूर्वक पूजा करें तथा शनिवार और मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें.

  3. ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: मंत्र का प्रतिदिन जप करें.


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