(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shani Gochar 2023: नए साल में दिखेगा इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का असर, रहें सावधान, भूलकर भी न करें ये काम
Shani Gochar 2023: ज्योतिष के अनुसार, शनि साढ़ेसाती का प्रभाव बेहद कष्टकारी होता है. साल 2023 में इन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का कुप्रभाव होगा. आइये जानें इससे बचने के मंत्र और उपाय.
Shani Gochar 2023, Saturn Transit in Aquarius 2023: पंचांग के मुताबिक, शनि 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इनके प्रवेश से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जायेगी. इसके साथ ही कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा. वहीं मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चल रहा है. ऐसे में कुंभ राशि में शनि गोचर से साल 2023 में इन तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का असर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.
क्या होती है शनि की साढ़े साती?
शनि की साढ़ेसाती का अर्थ है साढ़े 7 साल की अवधि. शनि 12 राशियों को घूमने में 30 साल का समय लेते हैं अर्थात शनि एक राशि में ढाई साल रहते हैं. "जब कुंडली में जन्म राशि अर्थात चंद्र राशि से 12वें स्थान पर शनि का गोचर प्रारंभ होता है तो इसी समय से उस राशि पर साढ़ेसाती शुरू होती है".
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनि जन्म कुंडली में स्थित चंद्रमा से चतुर्थ भाव, अष्टम भाव में भ्रमण करते हैं, तो उसे शनि की छोटी साढ़ेसाती कहते हैं. इसके अलावा शनि ग्रह किसी की कुंडली के पहले, दूसरे, बारहवें औऱ जन्म के चंद्र के ऊपर से गुजरे तब भी शनि की साढ़े साती होती है.
2023 में किन राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि 17 जनवरी 2023 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इससे मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव दिखाई देगा. वहीं धनु राशि को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जायेगी.
कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जायेगी तथा मिथुन और तुला राशि वाले शनि की ढैय्या से मुक्त हो जायेंगे.
साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए भूलकर भी न करें ये काम
- झूठ न बोलें और किसी को धोखा न दें.
- धन और अपने पद का दुरुपयोग दूसरों का अहित करने के लिए न करें.
- प्रकृति को नुकसान न पहुंचाएं.
- गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों की मदद करें तथा गरीब कन्या के विवाह में सहयोग करें.
- निर्धन और परिश्रम करने वालों का आदर और सम्मान करें.
- नियम और अनुशासन का पालन करें. शनि मंत्रों का जाप करें.
- शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं और शनि चालीसा का पाठ करें.
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