Shani Gochar 2023: कर्म प्रधान देवता शनि 17 जनवरी 2023 मंगलवार को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि मे प्रवेश कर चुके हैं. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, शनि लगभग 30 साल बाद अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश किये हैं. ज्योतिष गणना के मुताबिक़, शनि 17 जनवरी को शाम 8 बजकर 02 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश किये और ये यहां पर 30 मार्च 2025 तक रहेंगे. इसके बाद 17 जून 2023 से वक्री होकर संचरण करेंगे. शनि 4 नवम्बर 2023 तक कुंभ राशि में वक्री अवस्था में रहेंगे. उसके बाद वे 4 नवंबर 2023 से मार्गी हो जाएंगे.


कुंभ राशि में संचरण के दौरान शनि एक बार फिर 29 जून 2024 से 14 नवंबर 2024 तक वक्री अवस्था में संचरण करेंगे. ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्म फलदाता कहा गया है. न्याय प्रदाता देवता शनिदेव की कृपा जिस व्यक्ति पर पड़ती है, उसका जीवन धन्य हो जाता है, लेकिन शनि की बुरी दृष्टि व्यक्ति को समस्या ग्रस्त कर देती है.


मकर राशि : शनि आपकी राशि के दूसरे घर में स्वगृही होकर विराजित हैं. शनि की तीसरी दृष्टि चौथे घर पर, सातवीं दृष्टि आठवें घर पर और दशवीं दृष्टि 11वें घर पर रहेगी. इससे आप पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण शुरू हो गया है. अब आपको कई फायदे होने शुरू हो जायेंगे.


कुंभ में शनि गोचर का मकर राशि पर प्रभाव



  1. आपका प्रगतिशील आइडिया आपके बिजनेस को बढ़ाने में मदद देगा. इससे आपके बिजनेस में वृद्धि के साथ-साथ आपकी आय और धन में वृद्धि होगी.

  2. जो लोग नौकरी से जुड़े हुए हैं उन्हें मनचाहा ट्रांसफर मिल सकता है. जो कि बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.

  3. सेहत को लेकर सचेत रहें और मानसिक तनाव से दूर रहें. यह आपके लिए मददगार सिद्ध हो सकती है.

  4. कार्य क्षेत्र पर धैर्य से काम लें क्योंकि सीनियर के साथ किसी मुद्दे पर वाद-विवाद हो सकता है.

  5. आपका पारिवारिक जीवन सुखमय और शांति पूर्ण रहेगा. परिवार का सहयोग मिलेगा.

  6. आसपास के ही किसी छोटे छोटे ट्रैवल पैकेज या कम दूरी की यात्रा से परिवार को खुश करने की कोशिश रहेगी.

  7. वैवाहिक जीवन में थोड़ा-बहुत मन मुटाव हो सकता है. आपका जीवनसाथी आपको शक की निगाह से देखे, तो आप रिश्ते में पारदर्शिता रखें क्योंकि पारदर्शिता और विश्वास ही रिश्ते को सुख-शांति प्रदान करती है.

  8. स्टूडेंट्स के लिए यह समय बेहतर रहेगा. वे उम्मीद से बेहतर परफॉर्म करेंगे.


मकर राशि वाले करें ये उपाय


नियमित सूर्योदय के समय तांबे के लौटे में जल भरकर पीपल के पेड़ में अर्पित करें और ‘‘ऊँ शर्वाय नमः नमः’’ मंत्र की एक माला जाप करें. प्रत्येक शनिवार शनि चालीसा का पाठ करें और काले कुत्तो और बंदरों को लड्डू खिलाएं.


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