Shani,Guru Vakri: शनि-गुरु की उल्टी चाल इन राशियों पर पड़ रही है भारी? इस समय तक रहना होगा सावधान
Shani Guru Vakri: शनि और गुरु दोनों ग्रह वक्री चाल से चल रहें हैं. शनि 23 अक्टूबर तक और गुरु 23 नवंबर तक वक्री रहेंगे. इन राशियों के लिए यह समय मुश्किलों भरा होगा.
Guru Vakri 2022, Saturn Retrograde: देवगुरु बृहस्पति और ग्रहों के सेनापति शनि मौजूदा समय में वक्री चाल चल रहे हैं. ज्योतिष गणना के मुताबिक, बृहस्पति 29 जुलाई 2022 से और सूर्य पुत्र शनि 5 जून 2022 से वक्री हुए हैं. देव गुरु बृहस्पति 23 नवंबर तक उल्टी चाल से चलेंगे, जबकि शनि मकर राशि में 23 अक्टूबर तक वक्री रहेंगे. इन दोनों प्रमुख ग्रहों के वक्री होने का प्रभाव देश दुनिया के साथ –साथ विशेष रूप से संतान और विवाह से जुड़े मामलों पर होगा. आइए जानें कि न्याय के देवता शनि और देव गुरु की उल्टी चाल कैसे लोगों को प्रभावित करेगी और राशियों पर इनका क्या प्रभाव होगा.
विवाह संबंधी मामलों पर असर
शनि और गुरु के वक्री अवस्था में होने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं बढेंगी. इस लिए ऐसे लोगों को सावधान रहना होगा. जो लोग विवाह के इच्छुक हैं. उनके लिए यह समय कुछ अच्छा होगा. उन्हें विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं. खासतौर पर मेष, वृष, सिंह, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों के विवाह संबंधी बात पक्की हो सकती है. कर्क, सिंह और कुंभ राशि वालों के विवाह के योग बहुत प्रबल हैं.
संतान से जुड़े मामलों पर होगा इसका प्रभाव
शनि-गुरु के वक्री होने के बाद जिन लोगों को संतान न होने की समस्या है. उनके संतान के योग मजबूत होंगे. संतान से जुड़ी चिंताएं भी अब कम होंगी.
इन राशियों को रहना होगा सावधान
- कर्क राशि: गुरु शनि वक्री के दौरान इन जातकों को स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का ध्यान रखें.
- कन्या राशि: इस दौरान इन जातको को स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं. इस लिए इनका ध्यान रखना होगा.
- कुंभ राशि: इन जातकों को सेहत संबंधी और मानसिक तनाव हो सकता है.
- मीन राशि: मीन राशि के लोग अवसाद और चिंताओं से परेशान हो सकते हैं. ऐसे में इन्हें इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए.
वक्री शनि और गुरु कर रहें हैं परेशान तो करें ये उपाय
शनि और गुरु के वक्री अवस्था से जो जातक परेशान हैं, उन्हें रोजाना प्रातःकाल स्नान कर सूर्योदय के समय हल्दी मिले हुए जल के साथ सूर्य देव को अर्पित करें. उसके बाद प्रातःकाल बृहस्पति और शनि देव के मंत्र का जप करें. जातक बृहस्पतिवार के दिन को केले का और शनिवार के दिन काले तिल का दान करें.
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