Shani Dev : शनि का राशि परिवर्तन इस साल का सबसे महत्वपूर्ण राशि परिवर्तन माना जा रहा है. शनि को सौरमंडल का बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में शनि काक एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. जो प्रकृति में संतुलन स्थापित करने का काम भी करते हैं.
शनि जब अशुभ होते हैं तो अत्यंत अशुभ फल प्रदान करते है. शनि की सबसे खतरनाक दशाओं में साढ़ेसाती और ढैय्या को माना गया है. वर्तमान समय में 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है. मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती चल रही है.
शनि का राशि परिवर्तन 2022 (shani gochar 2022)
शनि के राशि बदलते ही 3 राशियों की मुश्किलें बढ़ जाएगी. अभी शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, लेकिन 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे.
कुंभ राशि में शनि (saturn in aquarius 2022)
शनि देव के कुंभ राशि में आते ही मीन राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी. वहीं कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या आरंभ हो जाएगी. जिस कारण इन 3 राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती हैं.
शनि इन राशि वालों को देंगे राहत (shani sade sati dhaiya)
शनि का गोचर कुंभ राशि में होते ही, धनु राशि वालों पर से साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही मकर, कुंभ राशि वालों को शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी. मिथुन और तुला राशि राशि वालों को शनि की ढैय्या से आजादी मिल जाएगी.
शनि का सबसे प्रभावशाली मंत्र (shani mantra)
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
इस मंत्र का शनि का सबसे प्रभावशाली मंत्र माना गया है. जिन लोगों को शनि अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं या शनि के प्रकोप से बचने के लिए इस मंत्र का नित्य एक माला जाप करना चाहिए. इस मंत्र के जाप से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को परेशान नहीं करते हैं. शनिवार के दिन इस मंत्र का जाप अधिक फलदायी माना गया है.
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