Shani Sade Sati 2020: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक कठोर स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. इसीलिए शनि देव से लोग भय खाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है शनि ग्रह को सभी ग्रहों में न्याय देने वाला ग्रह माना गया है. शनि सभी को खराब फल दे ऐसा नहीं है, शनि व्यक्ति के कर्मों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. यनि यदि कोई व्यक्ति बुरा कार्य करता है तो शनि उसे खराब फल प्रदान करेंगे वहीं जब व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो शनि शुभ फल प्रदान करते हैं.


शनि की ढैय्या
ग्रहों में शनि की चाल बहुत धीमी मानी गई है. जिसके कारण शनि एक राशि से निकलने में ढाई वर्ष का समय लगा देते हैं. इसीलिए इसे ढैय्या कहा जाता है. इस समय मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है.


शनि की साढे़साती
शनि की दशा साढे़ सात साल की होती है. इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. शनि जन्म कुंडली में जिस अवस्था में विराजमान होते हैं उसी तरह के फल प्रदान करते हैं.


शनि किसके कारक हैं
शनि को आयु, पीड़ा और तकनीकी का कारक माना गया है. जब शनि शुभ अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को हर कार्य में बाधा और पीड़ा प्रदान करते हैं. एक प्रकार से शनि देव व्यक्ति को राजा से रंक बना देते हैं. शनि ग्रह को तुला राशि शनि में उच्च और मेष राशि में नीच का माना गया है. शनि उन लोगों को कठोर दंड देते हैं जो दूसरों को धोखा और पीड़ित करते हैं. इसलिए सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें.


शनि का उपाय
शनि देव को शांत रखना बहुत ही जरूरी है. शनि का शुभ फल प्राप्त करने के लिए शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए व्यक्ति को समय समय पर उपाय करते रहने चाहिए. शनिवार का दिन शनि देव का दिन माना गया है. शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपनी अशुभता को कम करते हैं. शनिवार के दिन शनि देव से जुड़ा दान करना चाहिए. गरीब और निर्धन व्यक्तिओं की मदद करनी चाहिए. सर्दियों में जरूरतमंदों को कंबल का दान करना चाहिए और बारिश के समय छाता का दान उत्तम बताया गया है. इसके साथ ही शनिवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाने से भी शनि की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है.


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