Shani Jayanti 2024: कर्मफल देवता शनि की पूजा शास्त्रों में बेहद खास मानी जाती है. इनकी कृपा जिस पर भी होती है उसके जीवन में चल रही सभी कठिनाइयां समाप्त हो जाती है और जिंदगी सुखमय होती है. कुंडली में शनि के बुरे प्रभाव (Shani dosh) से बचने के लिए 6 जून 2024 को शनि जयंती पर विधि-विधान से शनि देव का पूजन करें.
आमतौर पर लोगों को ये पता है कि शनि देव (Shani dev) को काली चीजें ही अर्पित की जाती है लेकिन ऐसा नहीं है. शनि देव की पूजा में कई सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं शनि जयंती पर पूजा के लिए सामग्री की लिस्ट.
शनि जयंती पूजा सामग्री लिस्ट (Shani Jayanti Puja Samagri)
- सरसों का तेल, काले या नीले वस्त्र, नीले फूल
- तिल का तेल, काला तिल, गुग्गल, दीपक
- शमी पत्र, अपराजिता के फूल, मिठाई
- तेल में बनीं पूड़ियां, शनि यंत्र, लौंग, काली उड़द
- नारियल, अक्षत, गंगाजल, गंध
सप्तधान (Sapta dhanya)- मूंग, जौ, गेहूं, तिल, उड़द, कंगनी, चना (शनि देव को काली चीजों के अलावा सप्तधान प्रिय है. इसे अर्पित करने वालों पर शनि बुरी दृष्टि नहीं डालते.)
किस समय करें शनि देव का पूजन ? (Shani dev puja Time)
शनि देव की पूजा सूर्यास्य के बाद की जाती है. शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय में शनि देव पूजा स्वीकार नहीं करते, क्योंकि शनि सूर्य पुत्र जरुर हैं लेकिन ये दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं.
किस दिशा में करें शनि देव की पूजा ? (Shani dev Puja Direction)
शास्त्रों के अनुसार, पश्चिम दिशा के स्वामी शनिदेव माने जाते हैं और वह इसी दिशा में विराजमान रहते हैं. पूर्व दिशा में मुख करके शनि की पूजा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ये सूर्य की दिशा है और इस दिशा में शनि की पीठ होती है.
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