Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर शनि महाराज की कृपा पाने के लिए जोधपुर के ज्योतिषी की बातें रखें याद
Shani Jayanti 2024: पंचांग अनुसार 6 जून को शनि जयंती है. शनि जयंती पर शनि देव (Shani Dev) को प्रसन्न करने से दुःखों का नाश होता है, जीवन में तरक्की और समृद्धि प्राप्त होती है.
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Shani Jayanti 2024: हिंदू धर्म में शनि जयंती का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के मुताबिक हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष शनि जयंती 6 जून 2024 को मनाई जाएगी. ऐसा माना जाता है कि शनि देव (Shani Dev) न्याय के देवता है और शनि जयंती के दिन विधि विधान के साथ यदि पूजा अर्चना के बाद व्रत किया जाता है तो भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि देव सभी भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं.
लोग शनि देव (Shani) को प्रसन्न करने के लिए और किसी भी तरह के कुप्रभाव से बचने के लिए कई प्रकार से आराधना करते हैं. धर्म और ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य पुत्र शनिदेव को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है.
मान्यता है कि इस दिन शनि देव की विधि पूर्वक उपासना करने से शनि जनित दोषों को कम किया जा सकता है. शनि देव को न्यायप्रिय व कर्मों के अनुसार फल देने वाला देवता कहा गया है.
अच्छे कर्म करने वालों पर शनि देव की सदैव कृपा बनी रहती है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है. जबकि बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को शनि देव कठोर दंड देते है. शनि देव की कुदृष्टि से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) के दिन कुछ उपायों को करने से शनिदेव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो वहीं कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको करने से वे रुष्ट हो सकते हैं, ऐसे कार्यों को इस दिन भूलकर भी न करें.
शनि देव सूर्य के पुत्र हैं और मृत्यु के देवता यम के बड़े भाई हैं. शनि देव को न्यायकारी ग्रह माना जाता है. शनि की महादशा अंतर्दशा, साढ़ेसाती एवं ढैया को लोग अशुभ मानते हैं, किंतु यह हमेशा सत्य नहीं है. अनैतिक कार्य करने वाले व्यक्ति को शनि अपनी ढैया, साढ़ेसाती या महादशा में दारुण दुख देते हैं.
उन्हें आकस्मिक हानि, शारीरिक विकार धन हानि एवं अपमान सहन करना पड़ता है जबकि नैतिक कार्य करने वाले लोग शनि की महादशा में फर्श से अर्श पर जाते हुए देखे गये हैं. शनि मकर एवं कुंभ राशियों के स्वामी हैं. तुला राशि में उच्च के होते हैं.
यदि किसी जातक की कुंडली (Kundli) में शनि अच्छे भाव में है तो उसको जीवन में शनि उन्नति की ओर ले जाएंगे और इस शनि कुंडली में मेष राशि (Mesh Rashi) के अथवा शत्रु राशि के हो तो ऐसे व्यक्ति को कष्ट प्रदान करते हैं.
शनि (Shani Dev) से डर उनको लगता है जो गलत कार्य करते हैं. जैसे घूस लेना, गरीबों को सताना, माता-पिता की सेवा ना करना, झूठी गवाही देना, अत्याचार आदि करना. शनि सबके कर्मों का हिसाब रखते हैं.
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