Shani Ke Sanket, Shani Puja: अत्यधिक धीमी चाल से चलने वाले शनि देव महाराज अगर किसी की कुंडली में प्रवेश करते हैं, तो कम से कम ढाई साल के लिए और अधिकतम साढ़े सात साल के लिए रहते हैं. ढाई साल के समय के लिए अगर किसी कुंडली में है, तो उसे ढैय्या कहा जाता है. अधिकतम साढ़े सात साल के लिए हैं, तो उसे साढ़ेसाती कहा जाता है. शनि के इस प्रकोप से बचने के लिए लोगों को शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा अर्चना करनी चाहिए और काले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए. शनिदेव की कृपा जब शुरू होती है तो उसके कुछ संकेत इस तरह दिखाई देने लगते हैं.


शनि कृपा के पूर्व संकेत (Shani Ke Sanket)



  • आकस्मिक धन लाभ: अगर आपको कहीं से आकस्मिक धन लाभ प्राप्त होता है या अचानक आपका कोई रुका हुआ कार्य पूर्ण हो जाता है. जिससे आपके ऐश्वर्य और वैभव में वृद्धि होती है. मान सम्मान बढ़ता है, तो समझ जाइए कि आपके ऊपर शनि देव महाराज की कृपा प्रारंभ हो चुकी है. शनिदेव के मंदिर में जाकर भगवान का आभार प्रकट करें और पूजा अर्चना करें.

  • शनिवार के दिन पादुका खोना: शनि देव महाराज की कृपा शुरू होने से यह संकेत मिलने लगते हैं. यदि अचानक आपके चप्पल या जूते खो जाए और वह दिन शनिवार का हो तो समझ लीजिए कि आपके ऊपर शनिदेव प्रसन्न हो गए हैं. अब आपके सारे बिगड़े हुए काम बन जाएंगे.

  • स्वास्थ्य ठीक रहना: अगर आपका और आपके परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक है और आपको किसी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ रहा है. तो समझ लीजिए आपके ऊपर शनि देव महाराज की कृपा हो रही है. इसके लिए आप शनिदेव के मंदिर में जाकर शनि देव महाराज का धन्यवाद करें. काले रंग की वस्तुओं का दान करें.



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