Shani Margi 2022, Shani Dev: ज्योतिष में शनि देव को हानिकारक ग्रह के रूप में देखा जाता रहा है. शनि को अनुशासन, कानून और व्यवस्था, धैर्य, प्रतीक्षा, कड़ी मेहनत, श्रम एवं दृढ़ संकल्प आदि का प्रतीक माना जाता है. ये जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. ये दो राशियों कुंभ और मकर राशि का स्वामी ग्रह हैं. शनि मौजूदा समय में मकर राशि में वक्री हैं. शनि की वक्री अवस्था का अर्थ उल्टी चाल से है. शनि के वक्री अवस्था में होना शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों के लिए कष्टकारी माना जाता है. जब वे 16 दिन बाद यानी 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी होंगे तो शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित राशियों को कुछ राहत मिलेगी.
शनि के सीधी चाल से इन राशियों को होगा लाभ
- मौजूदा समय में शनि के मकर राशि में होने से धनु, कुंभ और मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. जब शनि मार्गी होंगे तो इन्हें कुछ राहत मिल सकती है.
- मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव है. शनि के सीधी चाल से इन्हें राहत मिलेगी.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव
जो लोग शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित होते हैं. उन्हें आर्थिक, शारीरिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शनि कब बदलेंगे राशि
जानकारी के लिए बतादें कि शनि देव मकर राशि में 17 जनवरी 2023 तक मार्गी रहेंगे. उसके बाद वे कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि देव जब कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो कुछ राशियों के ऊपर से शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती खत्म होगी तो कुछ इनके चपेट में आएंगी.
17 जनवरी 2023 के बाद इन्हें शनि की साढ़े साती व ढैय्या से मिलेगी मुक्ति
17 जनवरी 2023 के बाद मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जायेगी जबकि धनु राशि वालों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी. 17 जनवरी 2023 में शनि देव के कुंभ राशि में प्रवेश से मीन राशि पर साढ़े साती प्रारंभ हो जाएगी.
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