Shani Margi 2022 Bad Effect: ज्योतिष में किसी भी ग्रह का मार्गी या वक्री होना सभी 12 राशियों को प्रभावित करता है. ज्योतिष में शनि को क्रूर ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. इन्हें कर्म फलदाता भी कहते हैं क्योंकि ये लोगों को उनके कर्मों के अनुसार, फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही इन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर 2022 को शनि देव मकर राशि में मार्गी हुए हैं अर्थात ये 23 अक्टूबर से मकर राशि में सीधी चाल से चल रहें हैं.


शनि मार्गी कब हुए?


पंचांग के मुताबिक़ शनि देव 23 अक्टूबर को मकर राशि में ही वक्री से मार्गी हुए हैं और ये यहां पर 17 जनवरी 2023 तक इसी अवस्था में रहेंगे. शनि के मार्गी रहने तक वृश्चिक राशि, धनु राशि, कुंभ राशि और मकर राशि वालों को मुश्किलों में रहना होगा.


शनि के प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय


शनि के मार्गी होने से वृश्चिक राशि, धनु राशि, कुंभ राशि और मकर राशि के जातकों पर शनि देव का बुरा प्रभाव पड़ेगा. शनि देव को प्रसन्न करने और इनके प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें. इसके साथ ही शनि मंदिर में शनि देव के सम्मुख सरसों का दीपक जलाएं. शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के जड़ में पानी अर्पित करें और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.


कब हुए थे शनि वक्री?


पंचांग के अनुसार, शनि ग्रह 29 अप्रैल 2022 को स्व राशि कुंभ में सीधी चाल में प्रवेश किया था. शनि कुंभ राशि में ही 5 जून 2022 को मार्गी से वक्री हुए. इसके बाद 12 जुलाई 2022 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर शनि अपनी स्वराशि कुंभ से निकल कर मकर राशि में वक्री चाल से प्रवेश किये और वे यहां पर 23 अक्टूबर तक वक्री रहे.


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