Shani Margi: ज्योतिष शास्त्र में शनि को संतुलन और न्याय का ग्रह माना जाता है. ये लोगों को उनके कर्मों के आधार पर अच्छे या बुरे फल देते हैं. शनि की शुभ दृष्टि जहां लाभ कराती है वहीं शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और अशुभ द्दष्टि को जीवन के लिए बहुत कष्टकारी माना जाता है. शनि अभी कुंभ राशि में वक्री यानी उल्टी चाल से चल रहे हैं और वो 4 नवंबर को अपनी चाल बदलने वाले हैं. 4 नवंबर को शनि देव मार्गी अवस्था में आ जाएंगे. ज्योतिषीय शास्त्र के अनुसार जहां शनि की चाल बदलने का प्रभाव हर राशि के जातकों पर पड़ता है.


शनि की मार्गी यानी सीधी चाल कुछ राशियों को बहुत लाभ कराएगी वहीं कुछ लोगों को इसके भारी नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं. शनि के मार्गी होने से कुछ राशि के लोगों को संभलकर रहना होगा. जिन लोगों की कुंडली में शनि की महादशा चल रही है उन लोगों को शनि के मार्गी होने पर कुछ उपाय जरूर करने चाहिए. इन उपायों को करने से शनि का दुष्प्रभाव कम होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.



शनि के दुष्प्रभावों से बचने के उपाय



  • शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनि के मार्गी होने के बाद हर शनिवार के दिन सूरज ढलने के बाद लोहे की कटोरी में तिल या सरसों का तेल डालकर उसमें ११ साबुत उड़द डाल दे और उसमे पांच मिनट देखें और वह तेल शनि मंदिर या हनुमान मंदिर में जाकर चढाएं. पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी शनि का दुष्प्रभाव कम होता है. 

  • शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और शिवलिंग का जलाभिषेक करें. 

  • भगवान शनिदेव से जुड़े  ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ और ‘ॐ शं शनिश्चरायै नमः’ मंत्रों का 108 जाप करें. हर शनिवार को शनि के मूल मंत्र नीलांजन समाभासं रवि पुत्रां यमाग्रजंम , छाया मार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम् का जितना हो सके उतना जाप करें.

  • गायत्री युक्त शनि मंत्र 'ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्' का हर शनिवार को जाप करना लाभदायक साबित होता है. किसी अपाहिज भिखारी को शनिवार के दिन अन्न दान जरूर करें .

  • आपकी जन्मपत्री के अनुसार अगर शनि भाग्येश या मूल त्रिकोण का स्वामी है तो आप किसी ज्योतिषी की सलाह से नीलम भी धारण कर सकते हैं. नीलम के प्रभाव से शनि का दुष्प्रभाव कम होता है.

  • शनि के मार्गी होने के बाद पीपल वृक्ष के जड़ में जल अर्पित कर गेहूं के आटे से बनें दीए और अगरबत्ती जलाएं. यह उपाय आपको हर शनिवार की शाम को करना चाहिए.

  • शनि देव न्यायाधीश भी हैं वो बुरे कर्मों का दंड देते हैं. शनि के प्रभाव से बचने के लिए मांस-मदिरा का सेवन ना करें,कोई भी गलत काम न करें और अपना चरित्र ठीक रखें.


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