Shani Dev, Pushya Nakshatra 2022 Dates : कुंभ राशि में विराजमान शनि 5 जून को वक्री हो रहे हैं. शनि महाराज 141 दिनों तक वक्री रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र में शनि वक्री को शुभ नहीं माना जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शनि पीड़ित हो जाते हैं. शनि वक्री का अर्थ शनि की उल्टी चाल से है. शनि की चाल वक्री होने पर अधिक धीमी हो जाती है. जिन लोगों को शनि परेशान कर रहे हैं या कष्ट प्रदान कर रहे हैं, उनके लिए शनि वक्री होने से पहले, शनि देव को प्रसन्न करने का आज एक अच्छा मौका है. आइए जानते हैं कि आज के दिन कैसे लाभ उठाए जा सकता है.


पुष्य नक्षत्र है आज (Pushya Nakshatra Kab Hai)
हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 4 जून 2022 को शनिवार के दिन पंचमी की तिथि है. इस दिन पुष्य नक्षत्र है. शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र को विशेष दर्जा प्राप्त है. इस नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों का राजा बताया गया है. धार्मिक पुस्तक मुहूर्त चिंतामणि में नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ में पुष्य नक्षत्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं. इस नक्षत्र का वर्णन श्रीमद्भागवत महापुरण में भी मिलता है.


पुष्य नक्षत्र की विशेषता (Pushya Nakshatra Secrets)
शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता गुरु यानि बृहस्पति हैं. पुष्य नक्षत्र के राशि स्वामी चंद्रमा और स्वामी ग्रह शनि हैं. यानि इस नक्षत्र का शनि ग्रह से विशेष संबंध है. यही कारण है जब शनिवार के दिन ये नक्षत्र पड़ता है तो इसे शनि पुष्य के नाम से भी जाना जाता है. ये शुभ योग माना गया है.


पुष्य नक्षत्र का अर्थ (pushya nakshatra meaning)
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार पुष्य नक्षत्र का अर्थ 'पोषण करने वाला' बताया गया है, जो ऊर्जा और शक्ति देने वाला एक नक्षत्र है. इस नक्षत्र को 'तिष्य' भी कहा जाता है, जो सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान करता है. इसे 'महानक्षत्र' भी कहा गया है.


5 राशियों पर है शनि की दृष्टि (Shani Sade Sati and Dhaiya)
ज्योतिष गणना के अनुसार वर्तमान समय में कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि पर शनि की सीधी नजर है. कर्क, वृश्चिक पर शनि की ढैय्या और मकर, कुंभ तथा मीन पर शनि की साढ़े साती चल रही है. इसलिए अन्य सभी राशि वालों के साथ इन 5 राशि वालों के लिए शनि देव का आशीर्वाद पाने का विशेष अवसर बना हुआ है.


शनिवार को शनि मंत्र, शनि चालीसा का पाठ करें (Shani Mantra, Shani chalisa)
आज बनने वाले शुभ संयोग में शनि की कृपा पाने के लिए अपने नजदीक शनि मंदिर (shani dev mandir near) में शनि मंत्र, शनि चालीसा का पाठ विशेष फलदायी साबित होगा.


शनि का मंत्र (Shani Mantra)- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.


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