Shani Dev, Shani Sade Sati 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार न्याय के देवता शनि देव मौजूदा समय में मकर राशि में मार्गी अवस्था में संचरण कर रहें हैं. वे 23 अक्टूबर 2022 को मकर राशि में मार्गी हुए थे और 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में विराजमान रहेंगे. उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे.
मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती होगी शुरू
पंचांग के मुताबिक़, शनि देव 17 जनवरी 2023 को रात्रि 8:02 मिनट में मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि देव के कुंभ राशि में गोचर से मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जायेगी. मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा. हालाँकि कुछ राशियों को साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति भी मिलेगी.
मीन राशि के साथ-साथ इन राशियों पर रहेगी
शनि देव 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू होगी जोकि 03 जून 2027 को समाप्त होगी. इसके साथ कुंभ और मकर राशि पर चल रही साढ़ेसाती बनी रहेगी. कुंभ राशि में 24 जनवरी 2020 को साढ़े साती शुरू हुई थी, जोकि 23 फरवरी 2028 को खत्म होगी.
क्या है शनि की साढ़े साती?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं. शनि की साढ़े साती का प्रभाव जिन राशियों पर पड़ता है उन्हें शारीरिक, मानसिक आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. हालांकि ज्योतिष में शनि की साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के उपायों के बारे में भी बताया गया है.
शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय
- शनि की साढ़ेसती के कुप्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन तिल और सबूत दाल का दान करना चाहिए. यह दान किसी गरीब ब्राह्मण और जरुरतमंद को देना चाहिए.
- शनि की साढ़ेसती के कुप्रभाव से बचने के लिए कम से कम 9 या 11 शनिवार को नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से साढ़े साती के कष्ट कम होते हैं.
- शनिवार के दिन काली गाय और काले कुत्ते को प्रेम पूर्वक भोजन कराने से शनि की साढ़े साती का प्रभाव कम होता है.
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