Shani Sade Sati And Shani Dhaiya 2022: शनि को एक विशेष ग्रह माना गया है. जिसका संबंध न्याय से है. पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की. इसके बाद प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शिव देव को कलियुग के न्यायाधीश यानि दंडाधिकारी की उपाधि प्रदान की. कलियुग में मनुष्य के कर्मों का फल शनि देव ही प्रदान करते हैं. यही कारण है शनि को कर्मफलदाता भी कहा जाता है.
साढ़े साती और शनि की ढैय्या किन राशियों पर है?
वर्तमान समय में शनि की साढ़े साती 3 और शनि की ढैय्या 2 राशियों पर चल रही है. ये राशियां इस प्रकार है
शनि की साढ़ेसाती किन किन राशियों पर हैं
धनु राशि
मकर राशि
कुंभ राशि
शनि की ढैया किन किन राशियों पर हैं
मिथुन राशि
तुला राशि
शनि की साढ़े साती कब खत्म होगी?
मिथुन और तुला राशि वालों पर 17 जनवरी 2023 तक शनि की ढैय्या रहेगी. इन दोनों ही राशियों को शनि ढैय्या से पूर्ण रूप से मुक्ति 2023 में ही मिलेगी. वहीं मकर राशि से कुंभ राशि में शनि का प्रवेश होते ही धनु राशि वालों को साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी और मीन राशि पर साढ़े साती प्रारंभ हो जाएगी. शनि मकर राशि में पंचांग की गणना के अनुसार 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे. इसके बाद शनि देव का कुंभ राशि में गोचर होगा.
शनि के उपाय
शनि को प्रसन्न रखना अति आवश्यक है. यदि आप नियमों का पालन करते हैं. गरीबों की मदद करते हैं. या ऐसे लोगों के लिए कल्याणकारी कार्य करते हैं जो असहाय हैं तो शनि देव आप जल्द मेहरबान हो सकते हैं. शनि को मदद करने वाले लोग पसंद हैं. इसलिए अपने आसपास असहाय, पीड़ित और परिश्रम करने वालों की मदद करें. ऐसा करने से शनि जीवन में शुभ फल प्रदान करते हैं. इसके साथ ही शनिवार को शनि मंदिर में शनि को तेल चढ़ाएं और शनि से जुड़ी चीजों का दान करें. शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप भी शनि की अशुभता से राहत प्रदान करता है.
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