Shani Sade Sati: कर्म फलदाता शनि देव हर ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं. जब भी इस ग्रह का राशि परिवर्तन होता है किसी पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाती हैं तो किसी पर शनि ढैय्या. यदि आपकी कुंडली में शनि ग्रह शुभ है तो शनि के ये दोनों ही दशा फलदायी साबित होती हैं और अगर शनि अशुभ है तो इस दौरान जीवन में कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है. फिलहाल शनि अपनी स्वराशि मकर में विराजमान हैं. इस समय मकर, धनु और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती चल रही है. जानिए इनमें से किस राशि वालों को शनि के प्रकोप से छुटकारा मिलने वाला है.


शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं. पहला चरण जिसे उदय चरण कहा जाता है. दूसरा चरण शिखर चरण कहलाता है और तीसरा चरण अस्त चरण के नाम से जाना जाता है. इन तीनों चरणों में से दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्ट देता है. बता दें कि कुंभ राशि वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण चल रहा है. कुंभ वालों पर इसका दूसरा चरण तो धनु वालों पर इसका आखिरी चरण चल रहा है. ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि साढ़े साती के आखिरी चरण में शनि व्यक्ति को अपनी भूल सुधारने का मौका देते हैं जिससे वो सही मार्ग पर आगे बढ़ सके. कहते हैं कि इस चरण के अंत में जातकों को कुछ न कुछ लाभ भी प्राप्त होता है.


धनु राशि वालों को 29 अप्रैल 2022 में शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी. शनि साढ़े साती के आखिरी चरण में आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगेगा. रूके हुए काम पूरे होंगे. मानसिक तनाव कम होंगे. कार्यस्थल पर आपके काम की सब प्रशंसा करेंगे. करियर में उन्नति के प्रबल आसार रहेंगे. नए दोस्त बनेंगे. कुल मिलाकर आपको कुछ न कुछ लाभ प्राप्त होने की संभावना है. बता दें शनि ढाई साल बाद अपनी राशि बदलने जा रहे हैं. शनि का राशि परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 में होगा, इस दौरान शनि अपनी ही स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे.


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