Shani-Surya Yuti, Kumbh Sankranti 2023: कुंभ संक्रांति 13 फरवरी, 2023 सोमवार के दिन पड़ रही है. इस दिन सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि ग्रह 17 जनवरी से ही कुंभ राशि में विराजमान है और 13 फरवरी को सूर्य भी कुंभ राशि में चले जाएंगे. इसी के साथ इस साल फरवरी में दो बड़े ग्रहों ,सूर्य और शनि की युति बनने जा रही है. इन दोनों ही ग्रहों में शत्रु भाव रहता है. जबकि सूर्य पिता और शनि पुत्र हैं और कुंभ शनि की राशि है.
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 13 फरवरी से फिर सूर्य-शनि एक साथ कुंभ राशि में रहेंगे. इसके बाद 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में चले जाएंगे, जिससे 14 अप्रैल तक फिर से सूर्य-शनि का अशुभ द्विर्द्वादश योग रहेगा. यानी 14 अप्रैल तक लगातार सूर्य-शनि के संयोग से प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा बना रहेगा. सूर्य देव 15 मार्च को सुबह 06:47 बजे कुंभ से निकलकर मीन में प्रवेश करेंगे. तब शनि और सूर्य की युति खत्म होगी.
सूर्य एक राशि में लगभग 30 दिनों तक रहते हैं. फिर सूर्य दूसरी राशि में गोचर करते हैं. 30 दिनों के बाद 12 राशियां बदलने का मतलब है कि सूर्य का पारगमन एक कैलेंडर वर्ष में 12 बार होता है. सूर्य के गोचर का प्रभाव आपकी चंद्र राशि पर निर्भर करता है.
देश-दुनिया पर असर शनि-सूर्य युति का असर
- देश-दुनिया में अनचाहे बदलाव और दुर्घटनाएं हो सकती हैं.
- तनाव, अशांति और डर का माहौल भी सकता है.
- लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, मानसिक और शारीरिक तौर से लोग परेशान रहेंगे.
- सेहत संबंधी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है.
- राजनीतिक नजरिये से समय अनुकूल नहीं रहेगा, बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है.
उपाय
- भगवान श्री विष्णु की उपासना करें, साथ ही किसी बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं अवश्य कराएं.
- रोज उगते सूर्य को जल दें, रविवार के दिन उपवास रखें और सूर्य उपासना करें.
- पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें .
- भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें .
- पीपल के पेड़ मे जल चढ़ाएं और घी का दीपक लगाकर उसकी परिक्रमा करें.
- हनुमानजी और शनि देव के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं.
- शनि देव को तिल या सरसों का तेल चढ़ाएं.
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