Shani Sadhesati Upay: ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह का अपना एक अलग रंग और भाव है. इन सभी रंगों का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है. कुंडली में ग्रह दोष को दूर करने के लिए उन ग्रह से संबंधित रंगों की वस्तुओं का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है. ज्योतिष शास्त्र में शनि का विशेष महत्व है. यह मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं. शनि एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं जिसे शनि ढैय्या कहते हैं. इनकी दशा साढ़े सात वर्ष की होती है जिसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है.
शनि का रंग से संबंध
ज्योतिष शास्त्र में शनि देव का वर्ण काला माना गया है और कहीं-कहीं इन्हें नीले रंग से भी दर्शाया जाता है. नीला रंग अध्यात्म और भाग्य से संबंध रखता है. हालांकि इस रंग के इस्तेमाल में भी नियमों का खास ध्यान रखा जाता है. नीले रंग का सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करने से जीवन में अपार सफलता मिलती है. ज्योतिष में नीले रंग को जल, वृद्धि, शांति आरोग्य आराम और प्रसन्नता का प्रतीक माना गया है.
शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ऐसे करें नीले रंग का इस्तेमाल
शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए नीले रंग का काफी महत्व है. अगर आप भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या से परेशान हैं तो नीले रंग का अधिक से अधिक प्रयोग आपको फायदा दिला सकता है. शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया से छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने पास हमेशा नीले रंग का रूमाल साथ रखना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार भगवान शनि को नीले रंग के फूल अति प्रिय है इसलिए शनिवार के दिन अपराजिता का फूल जरूर शनिदेव को चढ़ाएं.
इसके अलावा शिक्षा और कार्य के स्थान पर हल्के नीले रंग का प्रयोग करें. अगर कुंडली में शनि की साढ़े साती, ढैय्या, महादशा चल रही हो तो नीलम रत्न धारण करना शुभ साबित होगा लेकिन इसके लिए पहले ज्योतिष की सलाह लेना सही रहेगा. शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए काले और नीले रंग के जूते, कपड़े और नीले रंग के फूल का दान करना चाहिए.
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