Shani Retrograde 2021: मकर राशि में शनि देव विराजमा है. पंचांग के अनुसार 12 जून 2021 को शनिवार का दिन है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. दो दिन पूर्व शनि जयंती का पर्व मनाया था. इस दिन को शनि देव के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है.
शनि वक्री में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण
23 मई 2021 रविवार को दोपहर 02 बजकर 50 मिनट पर शनि वक्री हुए थे. वक्री अवस्था को उल्टी चाल भी कहते हैं. शनि की उल्टी चाल सभी ग्रहों में विशेष मानी जाती है. शास्त्रों के अनुसार जब शनि वक्री होते हैं तो वे पीड़ित हो जाते हैं. इस कारण वक्री अवस्था में शनि को कमजोर माना जाता है. शनि की वक्री अवस्था में दो ग्रहण लग चुके हैं. 26 मई 2021 को चंद्र ग्रहण लगा था और इसके बाद 10 जून 2021 को सूर्य ग्रहण लगा था. वक्री अवस्था में दो ग्रहण का लगना कुछ मामलों में शुभ नहीं माना जाता है.
141 दिन शनि रहेंगे वक्री
ज्योतिष गणना के अनुसार शनि 141 दिनों तक वक्री रहेंगे. शनि जब वक्री होते हैं तो इसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है. यानि मेष से मीन राशि तक इसका प्रभाव रहेगा. इसके साथ इन 5 राशियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
- मिथुन राशि
- तुला राशि
- धनु राशि
- मकर राशि
- कुंभ राशि
शनि की दृष्टि
मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या है. जबकि धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है.
शनि कब होंगे मार्गी
शनि देव 11 अक्टूबर 2021 सोमवार को प्रात: 07 बजकर 48 मिनट पर वक्री से मार्गी होंगे.
इन बातों का रखें ध्यान
शनि जब वक्री होते हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. शनि देव को न्याया का कारक माना गया है. इसलिए शनि उन कार्याें को पसंद नहीं करते हैं जो नियमें के विरूद्ध हों. ये कार्य भूल भी न करें-
- नशा नहीं करना चाहिए.
- दूसरों का अहित न करें.
- दूसरों का धन हड़पने की कोशिश न करें.
- धन का प्रयोग दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए न करें.
- मेहनत करने वालों का अपमान न करें.
- अपने अधिकारों को गलत प्रयोग न करें.
शनि के उपाय (Shani Ke Upay)
12 जून को शनिवार का दिन है. आज इन उपायों को करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं-
- शनि मंदिर में शनि देव की पूजा करें.
- शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाएं.
- शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करें.
- शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ करें.