Shani Vakri 2022: सूर्य देव और माता छाया के पुत्र शनि देव महाराज 5 जून से लेकर के 23 अक्टूबर तक कुल 141 दिन तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे. इनकी चाल स्वराशि में ही उल्टी होने की वजह से विभिन्न राशियों पर इसका असर पड़ेगा. शनि देव महाराज की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करें. शनि देव महाराज को काला तिल और तेल चढ़ाने से शारीरिक रोगों और आर्थिक संकटों आदि से मुक्ति मिल जाती है. शनि देव की कुदृष्टि से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय बताए गए हैं. उन राशियों पर जिन पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है, उन्हें बहुत सतर्क रहना पड़ेगा और बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़ना पड़ेगा.
इन लोगों के लिए है कठिन समय
कर्क राशि
कर्क राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या का प्रकोप चल रहा है. ऐसे में कर्क राशि वाले जातकों को शनि देव के मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए. शनि देव महाराज को प्रसन्न करने के लिए उड़द की दाल, सरसों का तेल और काले तिल का दान देना चाहिए.
मकर राशि
मकर राशि वाले जातकों पर इस समय साढ़ेसाती चल रही है. इसलिए इन पर शनि की उल्टी चाल का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. इन्हें शनिदेव के भीषण प्रकोप से बचने के लिए जल दान करना चाहिए या संभव हो तो चांदी का दान करें.
कुंभ राशि
कुंभ राशि वाले जातकों पर भी शनि के वक्री चाल का असर देखने को मिलेगा. क्योंकि कुंभ राशि वाले जातकों पर भी शनि की साढ़ेसाती चल रही है. कुंभ राशि वाले जातकों को इससे निजात पाने के लिए सोने का दान करना चाहिए.
मीन राशि
मीन राशि वाले जातकों के लिए भी यह समय बहुत ही कठिन है. क्योंकि इस राशि पर भी साढ़ेसाती का प्रकोप चल रहा है. मीन राशि वाले जातकों को शनि देव महाराज को प्रसन्न करने के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करना चाहिए.
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