Shani Vakri 2022, Saturn retrograde in Aquarius: देवाधिदेव महादेव की कृपा से न्याय के देवता का पद प्राप्त शनि देव महाराज की चाल आने वाले 5 जून से उल्टी होने जा रही है. शनिदेव (Shani Dev) 5 जून से कुंभ राशि में वक्री (Saturn retrograde in Aquarius) होंगे. इसका असर सभी राशियों पर देखने को पड़ सकता है.


शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए और उनकी कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए आवश्यक है, कि इस साल 30 मई दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास (Jyeshth Mass) की कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर शनि जयंती (Shani Jaynti) के दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं. जिससे इनके प्रभाव से बचा जा सके.


शनि के वक्री चाल का इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव (Saturn retrograde effect on Zodiac Signs)  


5 जून से कुंभ राशि में वक्री हो रहे शनि का प्रभाव लगभग सभी राशियों पर पड़ेगा. लेकिन कुछ राशियों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा. जैसे



  • मीन राशि पर इस समय साढ़ेसाती का प्रारंभ हो जाएगा.

  • कुंभ राशि में साढ़ेसाती अपने दूसरे चरण में रहेगी.

  • मकर राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा.

  • कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का प्रारंभ होगा


शनि जयंती को करें ये उपाय


जिस राशि में शनि उचित स्थान पर रहते हैं उस राशि वालों को शनि का प्रकोप नहीं झेलना पड़ता. लेकिन शनि की उल्टी चाल का कुछ न कुछ असर सभी पर पड़ता है. इसके लिए आवश्यक है कि 30 मई को पड़ने वाली शनि जयंती के दिन भगवान शनि देव महाराज की विधि विधान से पूजा करें. भगवान शनि को नीला और काला रंग अत्यधिक प्रिय है. इसलिए इस दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर नीले रंग का पुष्प अर्पित करें. रुद्राक्ष की माला धारण करने से भी शनि की कुदृष्टि से बचा जा सकता है. शनि जयंती के दिन शनि देव की प्रतिमा के सामने बैठकर या शनिदेव के मंदिर में जाकर 108 बार शनि मंत्र का जाप करें. जिससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम हो सके.




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