Shani Vakri Effects: ज्योतिष शास्त्र में शनि को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है. शनि देव का शुभ प्रभाव हो तो व्यक्ति के जीवन में अच्छे बदलाव आते हैं. शनि कर्म फलदाता हैं जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ-अशुभ फल देते हैं. 17 जून को शनि की राशि बदलने वाली है. शनि कुंभ राशि में वक्री होने वाले हैं. शनि की वक्र दृष्टि अच्छी नहीं मानी जाती है.
शनि की उल्टी चाल से कुछ राशि के लोगों को अशुभ परिणाम मिलने सकते हैं. इस दिन शनि के कुछ मंत्रों का जाप करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है. जानते हैं इसके बारे में.
शनि के चमत्कारी मंत्र
शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
तांत्रिक शनि मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि दोष निवारण मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
इस विधि से करें मंत्रों का जाप
शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और काले रंग के साफ कपड़े पहनने चाहिए. अगर आपके पास काले रंग के कपड़े नहीं हैं तो आप बैंगनी, ग्रे या स्लेटी रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं. इसके बाद आप किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा करें और उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें. अह कुश के आसान में बैठकर इन मंत्रों का जाप करें. माना जाता है कि मंत्रों के जाप से शनि देव शांत होते हैं और जीवन में सुख-संपत्ति आती है.
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