Shani Vakri 2023: शनि ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष ग्रह माना गया है. शनि देव (Shani Dev) की दया दृष्टि से जीवन में सुख, शांति और न्याय की प्राप्ति होती है तो वहीं शनि के कुपित होने पर इंसान को लेनी की देनी पड़ जाती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार से शनि 17 जनवरी 2023 को राशि परिवर्तन करते हुए मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश चुके हैं और अब शनि 17 जून 2023 को कुंभ राशि में ही अपनी वक्री होगें. वक्री मतलब उल्टा, यानि शनि अब अगले कुछ महीनों तक उल्टी चाल में गतिमान होंगे.
शनि का यह गोचर 4 नवंबर 2023 तक चलेगा. सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह कभी न कभी वक्री करते हैं. शनि के वक्री का विभिन्न राशि और उसके जातकों पर अनुकूल या प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
शनि वक्री का इन राशियों पर प्रभाव
मीन राशि (Pisces ) | मीन राशि वालों को शनि वक्री में राहत है. वक्री के दौरान इस राशि के जातकों को नौकरी और शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे. व्यापार में मुनाफा बढ़ जाएगा और आय के नए स्त्रोत खुलेंगे. जो लोग जॉब चेंज की सोच रहे हैं. उनके लिए ये अच्छा अवसर रहेगा. |
वृष राशि ( Taurus ) | आर्थिक नजरिए से वृष राशि वालों के लिए शनि वक्री शुभ रहेगा. व्यापार में मुनाफा होगा. प्रमोशन के साथ ट्रांसफर संभव है. |
सिंह राशि ( Lio ) | सिंह राशि वालों के जातकों की वैवाहिक समस्या दूर हो सकती है. राजनीति से जुड़े लोगों की जिम्मेदारियां बढ़ सकती है. वाहन या प्रोपर्टी खरीदा जा सकता है. |
शनि वक्री से इन राशियों को हो सकती है परेशानी
कर्क राशि ( Cancer ) | इस राशि के धारकों का भी स्वास्थ्य प्रभावित रहेगा. पारिवारिक समस्या के साथ -साथ जेबपर भी बुरा असर देखने को मिलेगा. |
वृश्चिक राशि ( Scorpio ) | इस दौरान शनि की ढ़ैय्या शुरू हो गई है. इस दरमियान मानसिक अशांति रहेगी और परिवार में भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा. मकान या वाहन की खरीदारी के लिए अवसर अनुकूल रहेगा. |
मकर राशि (Capricon) | मकर राशि पे साढ़ेसाती का तीसरा चरण शुरू हो गया है. यह साढ़ेसाती का आखिरी चरण होता है. वक्री में मकर राशि के जातकों को आर्थिक, मानसिक,शारीरिक कष्ट का सामना हो सकता है. |
कुंभ राशि ( Aquarius ) | कुंभ राशि में शनि गोचर से साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस दौरान व्यापार में घाटे के साथ साथ शारीरिक रोगों का सामना भी कुंभ राशि के जातकों को करना पड़ सकता है. |
शनि वक्री के प्रकोप से बचने के उपाए -
- शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सर्वप्रथम हनुमानजी की पूजा करें और फिर भगवान भैरव की उपासना करें.
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप लाभकारी साबित होगा.
- तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गाय,और जूता दान देना चाहिए.
- कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं.
- छायादान करें. अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसो का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं.
- दांत साफ रखें.नशा न करें.पेट साफ रखें.अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों के साथ अच्छा व्यवहार रखें.
- शनिवार को सरसो के तेल का दीया जलाएं तेल में काला तिल भी डालें.
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