Shanishchari Amavasya 2023: शनि बिगड़ रहें हैं हर काम तो शनिश्चरी अमावस्या को करें ये उपाय
Shanishchari Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है. यदि शनि देव से परेशान हैं तो शनिश्चरी अमावस्या को ये अचूक उपाय करें. शनि की कृपा से हर कामना पूरी होगी.
![Shanishchari Amavasya 2023: शनि बिगड़ रहें हैं हर काम तो शनिश्चरी अमावस्या को करें ये उपाय Shanishchari Amavasya 2023 date muhurat significance do shani remedies upay Mauni Amavasya daan Shanishchari Amavasya 2023: शनि बिगड़ रहें हैं हर काम तो शनिश्चरी अमावस्या को करें ये उपाय](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/18/9b958cf4ba99b52a640b0155a28c709a1674019233121278_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Shanishchari Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है. शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं. इस बार 21 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या है. यह साल 2023 की पहली शनिश्चरी अमावस्या है. पंचांग के मुताबिक, 21 जनवरी को माघ माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है.
माघ माह की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या भी कहते हैं. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या और शनिश्चरी अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है. संयोग से इस साल मौनी अमावस्या और शनिश्चरी अमावस्या एक ही दिन है.
इससे इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है. इस दिन स्नान दान का ख़ास महत्व होता है. यदि शनि देव की बुरी नजर से आपके सारे काम बिगड़ रहें हों तो शनिचरी अमावस्या को ये अचूक उपाय जरूर करें. शनि की कृपा बरसेगी. हर काम पूरा होगा.
शनिचरी अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त
- माघ कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि आरंभ- शनिवार 21 जनवरी, सुबह 06:17 से
- माघ कृष्णपक्ष अमावस्या तिथि समाप्त- रविवार 22 जनवरी, तड़के सुब 02:22 तक
- उदयातिथि के अनुसार शनिवार 21 जनवरी को मौनी अमावस्या मान्य होगी और इसी दिन स्नान, दान, तर्पण और पूजा-पाठ जैसे कार्य किए जाएंगे.
शनिश्चरी अमावस्या 2023 को करें ये उपाय
- शनि देव की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं तथा शनि देव के मन्त्रों का जाप करें.
- शनि देव पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम, काजल लगाकर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें.
- इस दिन सरसों के तेल में तली हुई पूड़ी और अन्य चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
- शनि पूजा के समय 5, 7, 11 या 21 बार शनि मंत्र का जाप अवश्य करें और शनि चालीसा का पाठ करें. अंत में शनि देव की आरती करें.
- शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के नीचे भी सरसों के तेल का एक दीपक अवश्य जलाएं.
यह भी पढ़ें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![राजेश शांडिल्य](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/3b2cf176cf3eafb3afa4c74b7e5789fa.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)