Sharad Purnima 2021: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा को विशेष माना गया है. शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन लक्ष्मी जी के साथ भगवान विष्णु की पूजा जीवन में धन की कमी को दूर करने वाली माना गई है. पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा कब है, आइए जानते हैं-


शरद पूर्णिमा
पंचांग के अनुसार 19 अक्टूबर 2021, मंगलवार को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. इस तिथि को शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की बूंदे बरसती हैं.


कोजागरी पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कोजागरी पूर्णिमा का पर्व पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखकर लक्ष्मी जी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा का जाती है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से आर्थिक दिक्कतों से मुक्ति मिलती है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है.


श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास
पौराणिक कथाओं के अनुसार शरद पूर्णिमा पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था. इस दिन चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है. इस तिथि को खीर का प्रसाद चढ़ाया जाता है. रात मे खीर को आसमान की नीचे रखा जाता है. इस दिन अमृत वर्षा होती है. शरद पूर्णिमा की तिथि से ही सर्दियों की शुरुआत भी मानी जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस तिथि को चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है. 


पूर्णिमा-शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा की तिथि 19 अक्टूबर 2021, मंगलवार को शाम 7 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर 2021, बुधवार को रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी.


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