Shardiya Navratri 2022 5th Day: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. देवी के इस रूप के नाम का अर्थ भी विशेष है. स्कंद मतलब भगवान कार्तिकेय है. इसलिए इनके नाम का मतलब स्कंद की माता है. मां स्कंदमाता का रूप बड़ा मनमोहक है. उनकी चार भुजाएं हैं. देवी दो हाथों में कमल, एक हाथ में कार्तिकेय और एक हाथ से अभय मुद्रा धारण की हुईं हैं.


कमल पर विराजमान होने के कारण स्कंदमाता को पद्मासना भी कहा जाता है. मां के इस स्वरूप की पूजा से भक्तों को सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. यह देवी ममता की प्रतीक हैं, इसलिए माना जाता है  स्कंदमाता की उपासना से महिलाओं की सूनी गोद भी भर जाती है. स्कंदमाता की पूजा में उनके मंत्रों और महाउपायों से विशेश लाभ मिलता है.


स्कंदमाता का मंत्र
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥


प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥


स्तुति
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


नवरात्रि के पांचवें दिन का महा उपाय


नवरात्रि के हर दिन अलग-अलग तरह के उपाय किए जाते हैं जिनसे भक्तों को विशेष लाभ मिलता है. नवरात्रि के पांचवें दिन अपने घर के पास किसी भी शक्ति पीठ या देवी मंदिर में जाकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं. दीप जलाने के बाद देवी भगवती के 32 नामों के नामवली का कम से कम 32 बार पाठ करें. मान्यता है कि इस महा उपाय को करने से सोया भाग्य जाग जाता है. इस उपाय से देवी का आशीर्वाद मिलता और शीघ्र संतान प्राप्ति के योग बनने लगते हैं.


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