Shardiya Navratri Ghatsthapana 2024: बुधवार 2 अक्टूबर को साल 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा है. सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) की समाप्ति 3 अक्टूबर 2024 को होगी और 3 अक्टूबर से ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत भी होगी. ऐसे में जान लीजिए कि क्या ग्रहण का प्रभाव घटस्थापना (Ghatasthapana) या कलश स्थापना पर पड़ेगा या नहीं.


क्या घटस्थापना पर पड़ेगा ग्रहण का प्रभाव


ज्योतिषाचार्य और कुंडली विशेषज्ञ अनीष व्यास के अनुसार, साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगा है और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. वहीं शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर सुबह 6 बजकर 24 मिनट से होगी. ऐसे में घटस्थापना के समय ग्रहण समाप्त हो जाएगा. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा.


लेकिन हिंदू धर्म (Hindu Dharam) में सूर्य या चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. साथ ही कहा जाता है कि ग्रहण समाप्त होने के बाद भी ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पृथ्वी पर रहता है. वहीं शारदीय नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा (Maa Durga) के विभिन्न रूपों की पूजा होती है, जिसकी शुरुआत घटस्थापना से होती है. इसलिए ग्रहण के अशुभ या नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से बचने के लिए घटस्थापना से पहले ये काम जरूर कर लें.


ग्रहण समाप्त होने के बाद घटस्थापना पर इन बातों का रखें ध्यान


सुबह जल्दी उठकर अच्छे से घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल से पूरे घर पर छिड़काव करें. आपने घटस्थापना के लिए जो भी पूजा सामग्री लाई हो, उसे भी गंगाजल छिड़कर पवित्र कर लें. फिर स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ कपड़े धारण कर पूजा की तैयारी करें. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है. घटस्थापना नवरात्रि का पहला दिन होता है, जिसमें मां शैलपुत्री की पूजा होती है. 


पूजा की तैयारी करने के बाद शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से घटस्थापना करें. बता दें कि घटस्थापना के लिए सुबह 6:24 से 8:45 तक का समय है. इसके बाद आप सुबह 11:52 से दोपहर 12:39 में भी घटस्थापना कर सकते हैं. यह अभिजीत मुहूर्त रहेगा.


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