Shattila Ekadashi Rules: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है. 18 जनवरी यानी आज षटतिला एकादशी है. यह एकादशी हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूरी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि आज के दिन पूरे मन से पूजा-अर्चना करने से पापों से मुक्ति मिलती है. षटतिला एकादशी का व्रत रखने वाले जो जातकों जीवन में हर तरह के कष्ट और रोग से छुटकारा मिल जाता है. षटतिला एकादशी का व्रत बहुत नियमों से रखा जाता है. इस दिन कुछ काम बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए वरना व्रत पूरा नहीं माना जाता है. आइए जानते हैं कौन से हैं वो काम.


षटतिला एकादशी के दिन ना करें ये काम


षटतिला एकादशी के दिन बैंगन और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन मांस-मदिरा से दूर रहें और पूरी तरह से ब्रह्माचर्य का पालन करें. आज के दिन व्रत करने वालों को पूरी तरह सात्विकता का पालन करना चाहिए. षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले साधक को आज के दिन बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. इस दिन जमीन पर विश्राम करना चाहिए. षटतिला एकादशी के दिन रात में नहीं सोया जाता है. इस दिन रात्रि जागरण कर पूरी रात श्री हरि की आराधना करनी चाहिए. इस दिन किसी को गलती से भी अपशब्द ना कहें और ना ही झूठ बोलें. इससे पूजा का फल नहीं मिलता है. इस दिन पेड़ों की कटाई-छटाईं से बचना चाहिए.


षटतिला एकादशी पर करने चाहिए ये काम


षटतिला एकादशी तिल का खास महत्व होता है. इस दिन तिल या तिल की बनी चीजों का दान करना चाहिए. आज के दिन  भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाना शुभ होता है. माना जाता है आज कि दिन विष्णु भगवान को तिल अर्पित करने से सारी मनोकामना पूरी हो जाती है. इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को तिल का उबटन लगाना चाहिए और पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए. आज के दिन षटतिला एकादशी की व्रत कथा जरूर सुने. कथा सुनने के बाद तिल का तर्पण करें. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. 


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